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मुफ्ती के पाक सहयोग ने सीमा पार बटोरीं सुर्खियां

मीडिया            Mar 03, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री के शपथ लेने की ख़बर को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के अख़बारों ने फ़्रंट पेज, संपादकीय और कार्टून के ज़रिए छापा है.भारत में नई दुनिया ने पहले पेज पर ख़बर लगाई, ‘मुख्यमंत्री बनते ही मुफ़्ती के बदले सुर’. अख़बार ने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान, चरमपंथियों और अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस का आभार जताया. मुफ़्ती के हवाले से अख़बार लिखता है कि उन्होंने कहा कि इनकी मदद के बग़ैर शांतिपूर्ण चुनाव नहीं हो सकता था.भारतीय जनता पार्टी ने तुरंत इस पर अपनी असहमति जता दी. उनसे साफ़ कहा कि वह अपने सहयोगी दल के नेता से इस मुद्दे पर इत्तेफ़ाक नहीं रखती. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुफ़्ती मोहम्मद सईद के बयान पर ट्वीट कर कहा, “भाजपा यह बताए कि इन चुनावों में सुरक्षा बलों और चुनाव आयोग के कर्मचारियों की क्या भूमिका रही है. क्या भाजपा कार्यकर्ता भी पाकिस्तान को धन्यवाद कह रहे हैं?” जम्मू-कश्मीर के अख़बारों में भी गठबंधन सरकार को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए गए हैं.उर्दू अख़बार कश्मीर उज्मा ने लिखा है कि पीडीपी अफ़्सपा के मुद्दे पर नरम पड़ गई है तो ग्रेटर कश्मीर ने अपने संपादकीय में कहा है कि मुफ़्ती सरकार को पहले की तरह ही अपने अच्छे काम करने होंगे वर्ना सूबे की स्थिति बदतर हो जाएगी. कश्मीर रीडर ने लिखा है कि यह तो नई बोतल में पुरानी शराब है और राज्य में नया कुछ नहीं होने को है.श्रीनगर टाइम्स ने एक मज़ेदार कार्टून छापा है. इसमें दिखाया गया है कि मुफ़्ती एक गमले में पानी डाल रहे हैं और उस गमले में कमल का फूल खिल रहा है. कमल भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न है. पाकिस्तानी अख़बार नवाए वक्त ने पहले पन्ने पर जम्मू कश्मीर में सरकार बनने की ख़बर को सुर्खी लगाई - 'गवर्नर राज खत्म, पाकिस्तानी सहयोग के बिना चुनाव मुमकिन नहीं थे: नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री' शपथग्रहण समारोह और नए मंत्रिमंडल के ब्यौरे के अलावा अखबार ने मुफ्ती मोहम्मद सईद के इस बयान को भी प्रमुखता दी है - 'बड़ी संख्या में लोगों ने वोट डाले, हम समझते है कि पाकिस्तान और कश्मीर के हथियारबंद और गैर हथियारबंद रहनुमाओं ने इस प्रक्रिया को होने दिया, वो चाहते तो इसमें बाधा डाल सकते थे.' एक्सप्रेस ने भी अपने अंतरराष्ट्रीय पन्ने पर यही हेडलाइन दी है, 'पाकिस्तानी सहयोग के बिना कश्मीर में चुनाव नामुमकिन थे.' दैनिक खबरें लिखता है, 'मुफ्ती सईद ने कठपुतली मुख्यमंत्री की शपथ ले ली. दो महिलाओं समेत 25 सदस्य मंत्रिमंडल में होंगे.'उम्मत की खबर में कश्मीरी लोगों की इस आलोचना को भी जगह दी गई है कि पीडीपी ने भाजपा के साथ गठजोड़ कर धोखा दिया है. अखबार लिखता है कि 'भारत समर्थक पीडीपी ने सत्ता की खातिर उस हिंदूवादी पार्टी को भी गले लगा लिया जिससे उसकी सोच नहीं मिलती है.'


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