Breaking News

याकूब की फांसी पर बहस को लेकर मीडिया से नाराज वेंकैया

मीडिया            Aug 03, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क रविवार को केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने हाल ही मीडिया में याकूब मेमन को दिए कवरेज पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि कुछ लोग आतंकी याकूब मेमन की फांसी और आतंकवाद पर राजनीति कर रहे हैं। नायडू ने कहा कि याकूब के प्रति सहानुभूति राष्ट्र प्रेम के खिलाफ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह से सहानुभूति जता कर राष्ट्र के रूप में भारत का नुकसान किया जा रहा है। हाल ही में याकूब को 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में फांसी दी गई है। नायडू ने याकूब की फांसी में कवरेज को लेकर मीडिया पर भी निशाना साधा व कहा,दुर्भाग्य से कुछ लोग हर मुद्दे पर राजनीति करते हैं। फांसी की सजा और आतंकवाद दोनों अलग-अलग मुद्दा है। लोग इस पर बहस कर सकते हैं। नायडू ने कहा, लेकिन जहां तक आतंकवाद से लडने की बात है तो वहां हमें एकता का प्रदर्शन करना चाहिए। इस मामले में हमें पूरी ताकत के साथ मुकाबला करना चाहिए। हम बुरी तरह से आतंकवाद से हताहत हो रहे हैं। आतंक का मुख्य लक्ष्य इकॉनोमी को नुकसान पहुंचाना और देश को कमजोर करना होता है। ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ लडाई में हमें किसी भी तरह की उदारता या कोमलता का परिचय नहीं देना चाहिए। मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद फांसी की सजा पर रही बहस को लेकर नायडू ने कहा,वाकई मैं चकित हूं कि कुछ लोग याकूब मेमन को मिली फांसी पर बहस कर रहे हैं। वह देशद्रोही था, वह एक आतंवादी था और उसने देश को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। वह निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया का साथ गुजरा। इसी प्रक्रिया के दौरान उसे सजा मिली और वह सजा लागू हुई। नायडू ने कहा,कुछ लोग इस सजा को मानवाधिकार से जोडने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे मजहब से जोड रहे हैं। आतंकी का कोई मजहब नहीं होता और न ही उसकी कोई जाति होती है। आतंकवादी केवल आतंकवादी है। यदि हम याकूब के साथ सहानुभूति जता रहे हैं तो देश का नुकसान कर रहे हैं। नायडू ने कहा, मीडिया में याकूब मेमन का जिस तरह के कवरेज किया गया इसे लेकर लोगों में नाराजगी है। देश ने अपने महान सपूत अब्दुल कलाम को खोया था। उनकी अंत्येष्टि चल रही थी लेकिन मीडिया का फोकस याकूब मेमन था। केंद्रीय मंत्री ने कहा,हमलोगों ने देखा कि कुछ लोग और मीडिया का एक तबका न्यायपालिका और सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने की कोशिश कर रहा था। ओवैसी जैसे लोग कह रहे थे कि दंगे में शामिल लोगों को भी इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि आपको ऎसा करने से किसने रोक रखा है।


इस खबर को शेयर करें


Comments