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योग दिवस पर खबर लिखने वाले पत्रकार की हुई गिरफ्तारी,मुस्लिम योग प्रशिक्षकों का मामला

मीडिया            May 15, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो। दिल्ली में योग दिवस पर ख़बर लिखने के आरोप में एक पत्रकार को गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सरकारी नीति में मुस्लिमों को योग शिक्षक के तौर पर नहीं रखा जाता है। पत्रकार पुष्प शर्मा ने यह ख़बर मुस्लिम समुदाय पर केन्द्रित अख़बार 'मिल्ली गज़ट' में लिखी थी। यह रिपोर्ट मार्च महीने में प्रकाशित हुई थी। इस ख़बर के छपने के बाद काफ़ी बवाल मचा था और पुलिस ने कई दिनों तक पुष्प शर्मा से पूछताछ भी की थी। पुष्प शर्मा ने आयुष मंत्रालय से कथित तौर पर आरटीआई के ज़रिए हासिल की गई जानकारी के आधार पर लिखा था कि पिछले साल (2015) 21 जून को 'विश्व योग दिवस' के मौक़े पर 'मुस्लिम योग प्रशिक्षकों' को विदेश जाकर 'प्रशिक्षण' देने की इजाज़त नहीं दी गई थी। लेकिन पुष्प शर्मा पर दस्तावेज़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया गया है, जिससे उन्होंने इनकार किया है। उनका कहना है कि उनकी रिपोर्ट योग और आयुर्वेदिक दवाओं के प्रचार प्रसार करने वाले एक सरकारी मंत्रालय के अधिकारी के दिए गए जवाब पर आधारित थी। पुष्प ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि कई बार मंत्रालय से सवाल करने के बाद जवाब मिला कि 3841 मुस्लिमों ने योग शिक्षक बनने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अक्तूबर 2015 तक किसी को भी नौकरी पर नहीं रखा गया। मिल्ली गज़ट में छपी पुष्प शर्मा की रिपोर्ट के साथ ही मंत्रालय के जवाब को भी छापा गया था।उनकी रिपोर्ट के मुताबिक़, मंत्रालय के जवाब में कहा गया था कि पिछले वर्ष जून में आयोजित पहले योग दिवस के मौक़े पर 711 मुस्लिम योग प्रशिक्षक के तौर पर विदेश जाना चाहते थे, लेकिन सरकारी नीति को देखते हुए किसी का भी चयन नहीं हो सका था। यह जवाब सरकारी 'लेटरहेड' पर नहीं दिया गया था और इसमें काफ़ी ग़लतियां भी थीं। इस जवाब में 'योग' की स्पेलिंग भी ग़लत थी। पुष्प शर्मा की गिरफ़्तारी शनिवार की सुबह हुई थी, मिल्ली गज़ट ने इस गिरफ़्तारी की पुष्टि की है। अख़बार के संपादक ज़फ़रूल इस्लाम ख़ान का कहना है कि पत्रकार पुष्प पर लगाए गए आरोप सीधे तौर पर 'प्रेस की स्वतंत्रता' का हनन है।


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