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वरिष्ठ पत्रकार बब्बन प्रसाद मिश्रा का हृदयाघात से निधन

मीडिया            Nov 07, 2015


मल्हार मीडिया वरिष्ठ पत्रकार और नवभारत रायपुर के पूर्व संपादक बबन प्रसाद मिश्र का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। श्री मिश्र को हार्टअटैक शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान आया जिसके बाद उनकी मौत हो गई। श्री बबन प्रसाद मिश्र का जन्म 16 जनवरी 1938 को बालाघाट (म.प.) जिले में हुआ। आपके स्व. पिता श्री राधाकिशन मिश्र स्वंतत्रता संग्राम सेनानी रहे और लगभग 29 महीनों तक अंग्रेजी हुकूमत की कैद में रहे। आपकी शिक्षा-दीक्षा बालाघाट, वारासिवनी में सागर विश्वविद्यालय के अंतर्गत हुई एंव विधि की स्नातक परीक्षा आपने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से उत्तीर्ण की। श्री मिश्र जी ने अपनी पत्रकारिता की यात्रा से जबलपुर से सन् 1962 में प्रारंभ की। स्न 1962 से 1972 तक आप दैनिक युगधर्म समाचार पत्र में सह-संपादक रहें। इसी बीच बार-काउंसिल से विशेष अनुमति लेकर कुछ वर्षो तक वकालत भी की। पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश में एंव वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य में चार दशकों से भी अधिक समय से वे साहित्य पत्रकारिता एंव समाजसेवा से जुडे रहें। वर्ष 1972 से 1986 तक वे दैनिक युगधर्म रायपुर के संपादक रहे। कुछ समय तक वे भोपाल में दैनिक स्वदेश समाचार पत्र से जुडे रहे। वर्ष 1987 से 2001 तक दैनिक नवभारत रायपुर के संपादक रहें। वर्ष 2001 से 2003 तक दैनिक भास्कर रायपुर एंव बिलासपुर के लिए प्रबंधकीय सलाहकार के रूप में उन्होने अपनी सेवाएं प्रदान की। वे रायपुर प्रेस-क्लब के अध्यक्ष, छत्तीसगढ साहित्य परिषद के संस्थापक महामंत्री तथा छत्तीसगढ सांस्कृतिक विकास परिषद् के अध्यक्ष के पद को सुशोभित करते रहे हैं। उन्होंने वर्षो तक साहित्यिक, सांस्कृतिक विशेषांको का संपाद किया हैं तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में आपकी बहुचर्चित पुस्तक ''मैं और मेरी पत्रकारिता'' अनेक पत्रकारों के लिए दिशाबोधक एंव मार्गदर्शक का कार्य कर रही है। वे वर्तमान में कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एंव जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर की विद्वत् परिष्द के लिए महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ, द्वारा मनोनीत किए गए हैं तथा वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्थापित पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजनपीठ के अध्यक्ष हैं। उनके आलेखों की कृति ''आजादी की आधी सदी'' बहुचर्चित कृति हैं जो गतवर्ष प्रकाशित हुई। श्री मिश्र को छत्तीगढ़ शासन द्वारा सर्वोच्च साहित्य-पत्रकारिता सम्मान ''पंडित सुंदरलाल शर्मा'' सम्मान से विगत वर्ष राज्योत्सव में महामहिम उपराष्ट्रपति श्री भैरोसिंह शेखावत द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त आपको पत्रकारिता एंव साहित्य सेवाओं के लिए अनेक सम्मान्नीय संस्थाओं ने भी सम्मानित किया हैं।


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