वाह रे दोगले मीडिया ! कलाम साहब की मौत को ही भुना लिया

मीडिया            Aug 02, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क हम दोगले हैं जन्म से! हमारे व्यवहार में दोगलापन है और हम कमाई के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं। यकीन न हो तो इन दो अखबारों के इन पन्नों पर नजर डाल लीजिये। जिन्होंने भारत के पूर्व राट्रपति की मृत्यु के बाद शोक सप्ताह में ही उनके नाम से विज्ञापन पेज निकालकर कमाई का जरिया ढूंढ लिया। जब पूरा देश कलाम साहब के जाने के दुख में दुखी था तब इनके दिमाग में ये आईडिया आया। पढिये कानपुर के पत्रकार महबूब अली की रिपोर्ट- kalaam-ko-salaam-001 पैसे की भूख से तड़प रहे देश के नामी मीडिया घराने बेखौफ, कैसी-कैसी शर्मनाक हरकतें करने पर आमादा हैं। इन बेशर्मों ने तो पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की लोकप्रिय निष्ठा को भी ऐसे मौके पर बेच दिया, जिस वक्त उनके निधन पर पूरा राष्ट्र गहरे शोक में डूबा हुआ था। ऐसी अक्षम्य निर्लज्जता का प्रदर्शन किया कानपुर में दैनिक जागरण और अमर उजाला ने। दोनों अखबारों ने ऐसे दुखद मौके पर विज्ञापनों की लूट के लिए किस तरह उस अविस्मरणीय हस्ती की छवि को सरेबाजार नीलाम कर दिया, जिसके जाने से पूरा देश आज भी विचलित है। दोनो अखबारों ने डॉ. कलाम के निधन को अपनी बाजारवादी गंदी मनोवृत्ति से जोड़ कर "कलाम को सलाम" नाम से एक-एक पेज विज्ञापन परिशिष्टांक छापकर लाखों की धन उगाही कर ली। पहले दिन ये बेहयायी कानपुर दैनिक जागरण ने की। उसके अगले दिन अमर उजाला ने "कमाल के कलाम" नाम से एक पेज का विज्ञापन छापकर अपने नंगेपन का सुबूत दे दिया। दोनों ने डा. कलाम के नाम पर एक-एक पेज का विज्ञापन छापकर धन उगाही तो की पर श्रद्धांजलि के नाम पर उन्हें एक सेंटीमीटर जगह देना भी मुनासिब नहीं समझा। भडास4मीडिया


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