मल्हार मीडिया डेस्क
सोशल मीडिया पर वैचारिक असिहुष्णता के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ताज़ा मामला साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी लेखक उदय प्रकाश के एक फ़ेसबुक स्टटेस को लेकर अशोभनीय टिप्पणियों का है.
उदय प्रकाश के रविवार को किए गए एक फ़ेसबुक स्टेटस पर एक टिप्पणीकर्ता ने उन्हें गाली देते हुए पीटने तक की धमकी दे डाली. कुछ अन्य लोगों ने भी आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं.
बीबीसी से बातचीत में उदय प्रकाश ने कहा, "जब कोई नई राजनीतिक ताकत आती है तो बहुत से लोग इसका फायदा उठाना चाहते हैं. इस तरह का बयान देकर वे सत्ता में बैठे हुए लोगों को बताना चाहते हैं कि वे उनके वफादार हैं या एक तरह से मिशनरी हैं."

उदय प्रकाश ने भारत में आजकल सबसे बड़ी अलगाववादी, देशद्रोही ताक़त का ज़िक्र किया था और साथ ही सच्ची देशभक्ति और सामाजिक प्रतिबद्धता पर भी टिप्पणी की थी.जो लोग उनसे असहमत थे, उनके अलावा इस स्टेटस पर कई लोगों ने उनके समर्थन में भी कमेंट किए.उनके पोस्ट पर एक यूजर दिव्येंदु शेखर ने लिखा, "धर्म और जाति का पूरा बेस ही झूठ पर आधारित है."
वहीं एक अन्य यूजर जितेंद्र राय ने लिखा, "ब्राह्मणवाद को ब्राह्मण जाति से जोड़ कर न देखा जाय. यह एक ऐसा वाद है जो किसी भी जाति पर लागू हो सकता है जो समाज मेँ सामंती सोच का बीज बोता है."
ख़ुद उदय प्रकाश ने बाद में एक स्टेटस में साफ किया कि उनका विरोध ब्राह्मणवाद से है न कि ब्राह्मणों से.
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