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विश्वहिंदी सम्मेलन में अतिथियों मेहमाननावाजी करेंगे पत्रकरिता के छात्र

मीडिया            Aug 31, 2015


भोपाल मल्हार मीडिया ये तो सब जानते हैं कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होने जा रहे विश्व हिंदी सम्मेलन की जिम्मेदारी माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के हवाले है। लिहाजा विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस पूरे आयोजन में छात्रों का उपयोग करने की तरकीब निकाल ली है। अगर सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों पर विश्वास करें तो सम्मेलन में भाग लेने वाले विदेशी अतिथियों और वरिष्ठ विद्वानों की मेहमान नवाजी छात्रों को सौंप दी गई है। इसके लिये बकायदा छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह पहली बार नहीं है। यदाकदा राजधानी में होने वाले किसी भी नैतिकता,संस्कार, राष्ट्रवाद से जुड़े कार्यक्रमों में माखनलाल में पत्रकारिता की पढाई कर रहे छात्रों को परिचारक की भूमिका में खड़ा कर दिया जाता है। राजधानी में 10 से 12 सितंबर तक दिन चलने वाले सम्मेलन के दौरान करीब 200 छात्र अतिथियों की हर जरूरत का ध्यान रखेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। हालांकि विशिष्ट अतिथियों की खातिरदारी के लिए एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को ही तैनात किया जाएगा। जिला प्रशासन ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि और हिंदी विवि के छात्रों को इस काम के लिए चुना है। इसके लिए खास तौर से चयन प्रक्रिया की गई। स्क्रीनिंग टेस्ट, वाद- विवाद व भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई । प्रक्रिया में ध्यान रखा गया कि छात्रों की हिंदी शुद्ध हो। साथ ही उनका अंग्रेजी का ज्ञान भी अच्छा हो ताकि विदेशी मेहमानों से वे बेहतर संवाद कर सकें। भोपाल में होने वाले किसी भी बडे आयोजन में छ़ात्रों की डयूटी लगा दी जाती है। प्रशिक्षण के नाम पर किया जाने वाला शोषण भी किसी से छुपा हुआ नहीं है। बकायदा छात्रों को ड्रेस कोड में तैनात किया जाता है और कमान उनके विभागाध्यक्ष के हाथों में सौंप दी जाती है ताकि वे आवाज भी ना उठा सकें। छात्रों से पत्रकारिता के स्थान पर स्टुअर्ट का कार्य करवाया जाता है। पत्रकारिता के युवाओं को पत्रकार बनने का प्रशिक्षण देने के बजाय वेटर बना दिया जाना निश्चित पूर्व के कार्यक्रमों में हो चुका है। सवाल यह उठता है की आखिर माखनलाल के अलावा अन्य किसी विश्वविद्यालय के छात्र इन आयोजकों को क्यों नहीं मिलते? क्योंकि छात्रों को अपने मूल प्रशिक्षण को छोड़कर अन्य कार्य के लिए माखनलाल के कुलपति दबाव डालते हैं। माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों को वे पत्रकार की जगह नौकर और चापलूस बनने का प्रशिक्षण देने में गर्व महसूस करते हैं।कई छात्रों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि वे शर्मिंदा हैं लेकिन यदि मना करते हैं तो उन पर कार्यवाही तय है। इनपुट धर्मपथ डॉटकॉम


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