विश्व मीडिया ने दी डॉ कलाम को श्रद्धांजली,पढें किसने कैसे याद किया?

मीडिया            Jul 29, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क देश के मिसाइलमैन, पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर न केवल देश का मीडिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी स्तब्ध हो गया।उनके निधन की घोषणा से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। कलाम भारत के साथ पूरी दुनिया में जाने जाते थे। सोमवार को उनके निधन की खबर वर्ल्ड मीडिया में आग की तरह फैल गई। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक, पाक विदेश विभाग ने कलाम के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह अपने बेहतर काम के लिए जाने जाएंगे। ब्रिटेन के अखबार डेली मेल के भारतीय संस्करण में मनोज जोशी ने अब्दुल कलाम को 'सच्चा कर्मयोगी' बताते हुए श्रद्धाजंलि दी है। अखबार ने कहा कि वह 'असल मायने में जनता के राष्ट्रपति' थे और अपने कार्यकाल में उन्होंने इस पद की गरिमा को नई ऊंचाई दी थी। अमेरिका के प्रसिद्ध दैनिक न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी हेडलाइन में लिखा, 'भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने वाले कलाम का निधन'। अखबार ने उन्हें देश में सबसे ज्यादा प्यार किया जाने वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनका निधन ऐसे समय में हुआ है, जब भारतीय राजनीति अपने तीव्र ध्रुवीकरण के दौर से गुजर रही है। अखबार ने लिखा कि मुस्लिम होते हुए भी वह भारत की विशाल संस्कृति का हिस्सा थे। उन्होंने इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीखा और हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथ 'भगवत गीता' से प्रेरणा ली। द टाइम्स के अनुसार यह गौरव की बात थी कि भारत ने विदेशी शक्तियों की कोई खास मदद लिए बिना अपना बम विकसित किया। उन्होंने स्वयं को पूरी तरह से भारतीय करार दिया। अमेरिका के एक और प्रतिष्ठित दैनिक वाशिंगटन पोस्ट ने अपने समाचार में लिखा है कि 'भारत में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन से शोक' छा गया है। रामा लक्ष्मी की इस रिपोर्ट में उस अवसर का चित्र भी प्रकाशित किया गया है जब उन्होंने 25 अप्रैल, 2007 में स्ट्रासबर्ग, फ्रांस में यूरोपीय संसद का दौरा किया था। 'अल जजीरा' ने भी खबर दी है कि जब कलाम शिलांग शहर में बिजनेस मैनेजमेंट के छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा। वाल स्ट्रीट जर्नल ने कहा कि तमिलनाडु में एक गरीब मुस्लिम परिवार में जन्मे कलाम अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने के अपने देश में प्रयासों में अग्रणी थे और वह रक्षा तकनीक में भारत को आत्म निर्भर बनाने के मजबूत समर्थक थे। उन्होंने भारत को पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जिसने देश को अंतरिक्ष के क्षेत्र मे अग्रणी देशों के एक विशिष्ट क्लब में खड़ा किया और भारत के मिसाइल विकसित करने के कार्यक्रम को निर्देशित किया। डब्ल्यूएसजे ने कहा कि डा कलाम ने भारत की परमाणु क्षमताओं को आगे बढ़ाने मे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 1998 में परमाणु परीक्षणों का नेतृत्व किया। इस तकनीकी उपलब्धि ने वैश्विक राजनीति में देश के स्थान को मजबूत बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई। ब्रिटेन के सबसे बड़े मीडिया हाउस ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के लिए कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने लेख लिखा है। उन्होंने लिखा कि कलाम जनता के राष्ट्रपति होने के साथ-साथ एक असाधारण भारतीय भी थे। पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी न्यूज वेबसाइट हफिंगटन पोस्ट में इंद्राणी वसु ने लिखा है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति के निधन से समूचे देश में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। ब्रिटेन के समाचार 'द टेलिग्राफ' और 'गार्जियन' में 83 वर्षीय कलाम के निधन का समाचार दिया है। इनमें लिखा है कि कलाम को देश के ‍सैन्य मिसाइल कार्यक्रम का जनक माना जाता है। वे अपने अंतिम क्षणों में अपना प्रिय काम, छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उनके बारे में लिखा गया है कि उन्होंने चार दशकों तक एक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक की भूमिका निभाई। भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी उनकी एक महत्वूपर्ण भूमिका थी। रायटर्स ने अपनी खबर में लिखा है कि उन्हें देश के मिसाइल कार्यक्रम का पिता माना जाता था और वे देश में मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध भी थे। समाचार में इस बात का भी उल्लेख किया है कि दिल का दौरा पड़ने के बाद बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। समाचार एजेंसी ने भारतीय मीडियो रिपोर्ट्‍स को अपनी जानकारी का स्रोत बताया। इंटरनेशनल बिजनेस टाइम में अनु जेम्स की रिपोर्ट में कलाम के निधन के साथ इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि देश-विदेश की हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है। जबकि टाइम की वेबसाइट पर लिखा गया कि अब्दुल कलाम के निधन से देश को बड़ा सदमा लगा है।


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