वाराणसी से अवनिंद्र अमन
जब मनमाफिक खबर लिखवानी हो तो जाहिर है मनमाफिक लिखने वाला भी होना चाहिए। सो राजकीय अतिथि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अपने संसदीय क्षेंत्र आ रहे प्रधानमंत्री मोदी अपने साथ चहेते पत्रकारों की पूरी एक टीम लेकर आये हैं। इनमें से बहुतेरे ऐसे दिग्गज शामिल हैं जिनके लैपटाप में पहले से ही प्रधानमंत्री की इस यात्रा का इम्बारगो तैयार है।
बस केवल दिन और तारीख ही भरनी शेष है। जाहिर है ऐसे कारसाजों के पास समय की कोई कमी या खबर भेजने का कोई दबाव नही है ऐसे में सितारा होटलों में मौके को इन्जवाय करने का इससे शानदार मौका भला और क्या हो सकता है। रही स्थानीय पत्रकारों की बात तो उनसे हल्ला करने वालों को छांटबीन कर पासेज का झुनझुना थमा दिया गया है। कुछ इस अंदाज में कि ‘ऐ भोला तू लोला लेल सुखले शंख बजाव’।
जैसी की उम्मीद की जानी चाहिए वे कार्यक्रम के एक दिन पूर्व ही गलें में रजधनिया पास लगाये बांहें भांज रहे हैं। भेदभाव भरे इस गैर जिम्मेदरानां रवैये से उन पत्रकारों में गहरी नाराजगी है जो हर रोज ही प्रधानमंत्री मोदी उनकी गतिविधियों, उनकी योजनाओं, उनके कार्यालय की नियमित रिपोर्टिंग किया करते है।
शुक्रवार को इसके विरोध में लामबंद पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल ने मोदी के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। इस गैर बराबरी पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करायी। पत्रकारों का कहना है कि जिधर जिला सूचना कार्यालय अधिकार क्षेत्र के बाहर का रोना रोकर दोनों हाथ खड़ा कर दिये वहीं केन्द्रीय सूचना कार्यालय की भी तरह-तरह के बहानों से पत्रकारों को समझाता बुझाता और बरगलाता रहा।
Comments