Breaking News

संदीप हत्याकांड के आरोपियों को व्हीआईपी ट्रीटमेंट, परिजनों की टूटी न्याय की आस

मीडिया            Jul 13, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क उत्तरप्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक पत्रकारों के हालात किसी से छिपे हुये नहीं है। दोनों ही जगह पत्रकारों को जलाकर मारे जाने में भी हिचक नहीं होती अपराधियों को। फर्क है तो सिर्फ इतना कि समाजवादी राज्य में सब कुछ ज्यादा अटैकिंग होता है और मध्यप्रदेश में सब बहुत चुपचाप आराम से। पिछले दिनों निर्ममता से मौत के घाट उतारे गए पत्रकार संदीप कोठारी के हत्या के आरोपियों को पुलिस कटंगी थाने में बकायदा व्हीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इनके सोने की व्यवस्था लॉकप के बाहर कूलर की ठंडी हवा में में की गई है। उधर संदीप के परिजनों का कहना है कि पुलिस से उन्हें किसी न्याय की कुछ खास उम्मीद नहीं है न ही ये कि व निष्पक्ष कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस का यही रवैया रहा तो वो सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। ज्ञातव्य है कि कि विशाल तांडी और राकेश नर्सवानी को पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये थाने में चैन की बंसी बजा रहे हैं। कटंगी थाने से लीक हुए एक तस्वीर में विशाल तांडी पलंग पर आराम से बैठा और राकेश नर्सवानी चादर ओढ़कर सोता हुआ नजर आ रहा है। सवाल उठता है कि आखिर क्यों लोकल पुलिस हत्यारोपियों की तीमारदारी में लगी है। पुलिस रिमांड के दौरान उन्हें थाने में पलंग, गद्दा, कूलर समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उसका गुर्गा विशाल टांडी भी उसके साथ रिमांड में ऐश कर रहा है। थाने की फोटो संदीप कोठारी के परिवारजनों ने जारी किए हैं। हत्यारोपियों के लिए पुलिस ने थाने को जैसे होटल में तब्दील कर दिया है। कटंगी थाना प्रभारी संजय चौकसे का कहना है कि तस्वीर में जो व्यक्ति सोया हुआ नजर आ रहा है वह राकेश नर्सवानी नहीं बल्कि एक सिपाही है। रोजाना पांच सिपाहियों की ड्यूटी लगती है, जिनमें दो हवलदार और तीन सिपाही होते हैं। जिसकी डियूटी नहीं लगी थी, वही सिपाही वहां सोया हुआ था। विशाल टांडी को जेल से बाहर लेकर आये हैं, इसी से उसे बाहर रखा गया है। थाने के लॉकअप में कीड़े-मकोड़े होने से राकेश नर्सवानी को भी बाहर रखा गया। इनपुट पत्रिका,भडास4मीडिया


इस खबर को शेयर करें


Comments