 उधर, हड़ताली मीडियाकर्मी सेलरी नहीं तो काम नहीं के नारे के साथ पूरी तरह एकजुट होकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं।  हड़ताल को लेकर मीडियाकर्मियों में इस कदर एकजुटता है कि पुलिस बल बुलाने, घेराबंदी कराने व धमकाने से भी कोई डर नहीं रहा है।  हड़ताल के कारण कई दिनों से अखबार का छपना बंद है और चैनल पर पुरानी खबरें व शोज के टेप चलाए जा रहे हैं।  सहारा के नोएडा आफिस में हड़ताली कर्मी दिन रात डटे हुए हैं।  बारिश के बावजूद सभी कर्मी सहारा मीडिया के नोएडाा स्थित आफिस के कैंपस पर कब्जा जमाए हुए हैं।  प्रबंधन ने पहले फूट डालो की नीति पर काम करता रहा लेकिन जब मीडियाकर्मी एकजुट रहे तो अब धमकी व पुलिस का सहारा लिया गया।
वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह  ने पूरे घटनाक्रम को लेकर अपने फेसबुक वॉल पर कुछ बातें शेयर की हैं, जो इस प्रकार हैं- ''सहारा में आंदोलन कर रहे पत्रकार साथियों पर बल प्रयोग के लिए बुलाई गई पुलिस। आठ महीने से वेतन न दे रहे बेशर्म प्रशासन और उनके सरगना सुब्रत सहारा अब सीधे-सीधे पत्रकारों को मारने पर उतारू हैं। हम मीडियाकर्मी हमेशा की तरह अब भी खामोश हैं। चुप्पी तोड़, बढ़ो सहारा के समर्थन में। पुलिस ने सहाराकर्मियों पर बढ़ाया घेरा। आंदोलनकारी पत्रकारों ने जंतर-मंतर की तरफ कूच करने की तैयारी की। किसी भी समय हो सकती है कार्यवाई। क्या बाकी पत्रकार चला पाएंगे, इस खबर को चला पाएंगे अपने-अपने न्यूज चैनल पर।''
साभार भडास4मीडिया
उधर, हड़ताली मीडियाकर्मी सेलरी नहीं तो काम नहीं के नारे के साथ पूरी तरह एकजुट होकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं।  हड़ताल को लेकर मीडियाकर्मियों में इस कदर एकजुटता है कि पुलिस बल बुलाने, घेराबंदी कराने व धमकाने से भी कोई डर नहीं रहा है।  हड़ताल के कारण कई दिनों से अखबार का छपना बंद है और चैनल पर पुरानी खबरें व शोज के टेप चलाए जा रहे हैं।  सहारा के नोएडा आफिस में हड़ताली कर्मी दिन रात डटे हुए हैं।  बारिश के बावजूद सभी कर्मी सहारा मीडिया के नोएडाा स्थित आफिस के कैंपस पर कब्जा जमाए हुए हैं।  प्रबंधन ने पहले फूट डालो की नीति पर काम करता रहा लेकिन जब मीडियाकर्मी एकजुट रहे तो अब धमकी व पुलिस का सहारा लिया गया।
वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह  ने पूरे घटनाक्रम को लेकर अपने फेसबुक वॉल पर कुछ बातें शेयर की हैं, जो इस प्रकार हैं- ''सहारा में आंदोलन कर रहे पत्रकार साथियों पर बल प्रयोग के लिए बुलाई गई पुलिस। आठ महीने से वेतन न दे रहे बेशर्म प्रशासन और उनके सरगना सुब्रत सहारा अब सीधे-सीधे पत्रकारों को मारने पर उतारू हैं। हम मीडियाकर्मी हमेशा की तरह अब भी खामोश हैं। चुप्पी तोड़, बढ़ो सहारा के समर्थन में। पुलिस ने सहाराकर्मियों पर बढ़ाया घेरा। आंदोलनकारी पत्रकारों ने जंतर-मंतर की तरफ कूच करने की तैयारी की। किसी भी समय हो सकती है कार्यवाई। क्या बाकी पत्रकार चला पाएंगे, इस खबर को चला पाएंगे अपने-अपने न्यूज चैनल पर।''
साभार भडास4मीडिया 
                   
                   
	               
	               
	               
	               
	              
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