सुमंत विद्वांस
लोकप्रिय ट्रेवल वेबसाइट www.tripadvisor.com पर मैंने अंग्रेजी में कुछ रिव्यूज लिखे थे, वे उन्होंने प्रकाशित किए। लेकिन जब हिन्दी में एक रिव्यू लिखा, तो यह कहकर अस्वीकृत कर दिया गया कि उनकी वेबसाइट पर हिन्दी स्वीकार्य नहीं है। जो भाषाएं स्वीकार्य हैं, उनकी सूची भी उन्होंने भेजी है: Arabic, Chinese, Danish, Dutch, English, French, German,Greek, Indonesian, Italian, Japanese, Korean, Norwegian, Polish, Portuguese, Russian, Spanish, Swedish, Thai, Turkish.
इसमें एक भी भारतीय भाषा नहीं है। कोई कह सकता है कि शायद TripAdvisor वाले किसी तकनीकी समस्या के कारण ऐसा करते होंगे। लेकिन ये कारण नहीं हो सकता क्योंकि यूनीकोड तकनीक के आ जाने से अब किसी भी भाषा में लिखने में कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है। जब दाएं से बाएं लिखी जाने वाली अरबी या कठिन चित्र-लिपि वाली चीनी और जापानी भाषाओं में इस वेबसाइट पर लिखने की अनुमति है, तो हिन्दी या भारतीय भाषा में क्यों नहीं लिखा जा सकता?
मैंने एक ईमेल भेजकर TripAdvisor को बता दिया है कि मैं उनकी इस नीति को स्पष्ट रूप से भारतीय भाषाओं के प्रति भेदभाव (discrimination) की नीति मानता हूं और मैं ऐसे किसी भेदभाव को कभी स्वीकार करने वाला नहीं। साथ ही, मैंने उस वेबसाइट पर पहले मेरे द्वारा अंग्रेजी में लिखे गए रिव्यूज़ हटाने और मेरा खाता बंद करने की सूचना भी दे दी है।
ऐसा नहीं है कि मैं अंग्रेजी में नहीं लिख सकता या मेरा अंग्रेजी से (या किसी भी भाषा से) कोई विरोध है। हिन्दी तो मेरी मातृभाषा भी नहीं है, पर आखिर वो मेरे देश की एक भाषा है और यदि कोई जानबूझकर मेरे देश की भाषाओं को अपमानित करे या उनके प्रति भेदभाव करे, तो उसे स्वीकार करने और सहने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
मुझे पता है कि उनकी वेबसाइट पर मेरे जैसे एक व्यक्ति का अकाउंट रहने या न रहने से TripAdvisor को फर्क नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा करने से मुझे यह तसल्ली तो अवश्य ही मिली है कि मैंने गलत बात का विरोध किया और मैं उसके आगे झुका नहीं।
वैश्विक हिंदी सम्मेलन से साभार
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