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DPDP एकट:डेटा सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकारों की भी है

मीडिया            Oct 20, 2024


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारत सरकार ने हाल ही में 'डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023' के तहत डेटा फिड्यूशरी की जिम्मेदारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा के अनुसार, अब सरकारी संस्थानों को भी डेटा सुरक्षा के मामले में वही जिम्मेदारियां निभानी होंगी, जो निजी क्षेत्र की कंपनियों पर लागू होती हैं। यदि डेटा उल्लंघन होता है, तो सरकारी संस्थानों को भी उसी तरह के जुर्मानों का सामना करना पड़ेगा, जैसे निजी कंपनियों को करना पड़ता है।

डेटा गोपनीयता के क्षेत्र में बड़ा कदम 

यह घोषणा भारत में डेटा गोपनीयता के तेजी से बदलते परिदृश्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पहले ऐसा माना जाता था कि सरकारी संस्थान कड़े डेटा नियमों से बाहर होते हैं, लेकिन 'DPDP एक्ट' के तहत अब सभी डेटा संग्रहणकर्ता, चाहे वह सरकारी हों या निजी, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए जवाबदेह होंगे। इस कदम को डिजिटल प्रणाली में विश्वास और पारदर्शिता स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब सरकारी संस्थानों को भी उसी स्तर की निगरानी से गुजरना होगा जैसे निजी संगठनों को।

कार्यशाला में किया गया खुलासा 

यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा 14 अक्टूबर को आयोजित एक कार्यशाला में दी गई। यह कार्यशाला इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 100 प्रतिभागियों और MeitY के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में यह भी बताया गया कि मंत्रालय अपने अधीनस्थ संस्थानों को डेटा सुरक्षा प्रथाओं पर प्रशिक्षित करने और अनुपालन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए काम कर रहा है।

निजी और सरकारी दोनों के लिए समान जिम्मेदारियां 

यह घोषणा न केवल निजी संगठनों, बल्कि डिजिटल और मार्केटिंग व्यवसायों के लिए भी डेटा सुरक्षा उपायों के महत्व को बढ़ाती है। अब केवल निजी कंपनियों को ही नहीं, बल्कि सरकारी संस्थानों को भी मजबूत डेटा सुरक्षा नीतियों का पालन करना होगा। इससे डेटा सुरक्षा के मामले में एक समान वातावरण तैयार होगा, जहां सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों पर समान रूप से जिम्मेदारियां होंगी।

डेटा सुरक्षा का व्यापक प्रभाव 

जैसे-जैसे डिजिटल इकोसिस्टम का विस्तार हो रहा है, DPDP एक्ट का यह समावेशी दृष्टिकोण भारत में सभी क्षेत्रों में डेटा के संचालन को प्रभावित करेगा। इस एक्ट के तहत सभी संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी, जिससे डेटा हैंडलिंग की प्रक्रियाएं अधिक सुरक्षित और जिम्मेदार होंगी। 

इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि यह भारत में डिजिटल क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा, और सभी संबंधित पक्षों के लिए भरोसेमंद डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करेगा।

समाचार4मीडिया

 

 


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