मल्हार मीडिया भोपाल।
जनसंपर्क विभाग का मुख्य काम सरकार की इमेज ब्रांडिंग का होता है। मगर मध्यप्रदेश जनसंपर्क की तरफ से यह दूसरी बार है कि उसकी गलती से सरकार की किरकिरी हुई है।
एक बार फिर साबित हो गया कि शासन प्रशासन में समन्वय की कमी है।
पहले पत्रकारों की समितियों के मामले में सरकार का छवि खराब हुई और अब दूसरा मामला एक विज्ञापन से जुड़ा हुआ है। इस विज्ञापन में फोटोशॉप की गलती के कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ तक की छवि का बट्टा लगा है।
दरअसल जनसंपर्क विभाग द्वारा फसल ऋण माफी योजना का एक विज्ञापन जारी किया जिसमें एक बुजुर्ग महिला का मुख्यमंत्री कमलनाथ को आशीर्वाद देते हुए फोटो प्रकाशित किया गया है।
इस फोटो में महिला के 3 हाथ दिखाई दे रहे हैं। महिला का एक हाथ मुख्यमंत्री के सर पर है दूसरा हाथ नीचे और एक हाथ प्रमाण पत्र को पकड़ते हुए दिख रहा है।
यह विज्ञापन कई प्रतिष्ठित दैनिकों में आज प्रकाशित हुआ और इसे लेकर सोशल मीडिया पर सरकार टिप्पणियां हुईं।
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के प्रवक्ता इसमें सरकारी नुमाइंदों की गलती न मानकर पोस्ट डालने वाले पत्रकारों को ही घेरने लगे।
जबकि विज्ञापन सरकार ने जारी किया अखबारों ने प्रकाशित किया। अनदेखी और लापरवाही का रवैया सरकार और कांग्रेस की तरफ से रहा। जो सुबह से अखबार में देख नहीं पाए कि विज्ञापन में है क्या।
इस लापरवाही के बाद जनसंपर्क विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इस विज्ञापन को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा ने विज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार हर छोटे बड़े आयोजन का क्रेडिट ले रही है।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने दूसरा फोटो शेयर करते हुए उस पर लिखा कि कमलनाथ के दुष्प्रचार की खुली पोल यह है असली फोटो।
यहां पर सवाल यह उठता है कि विज्ञापन जब सरकार की तरफ से जारी किया गया है तो दुष्प्रचार कौन कर रहा है?
जनसंपर्क विभाग का काम तो सरकार की सकारात्मक छवि बनाना है पर यहां उलटा ही हो रहा है।
अब चर्चा यह है कि जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारी अपनी गलती पर पर्दा डालने की कोशिश में जुट गए हैं।
वैसे एक बार फिर साबित हो गया कि शासन प्रशासन में समन्वय की कमी हद से ज्यादा है और संगठन के जरूरत से ज्यादा दखल के कारण सोने पर सुहागा हो रहा है।
उस पर हर बार कुतर्की प्रतिक्रियाएं यह साबित करने के लिए काफी हैं कि कांग्रेस को अभी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
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