एफसीआरए के बहाने 25 एनजीओ पर तलवार

राष्ट्रीय            Nov 17, 2016


dr-prakash-hindustaniडॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।

जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन सहित अनेक संस्थाओं पर विदेश से चंदा लेने और उसका राजनैतिक उपयोग करने पर केन्द्र सरकार की सख्ती बढ़ती जा रही है। इससे विदेशों से चंदा लेकर अपना कामकाज चलाने वाले 25 एनजीओ के सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है, क्योंकि गृह मंत्रालय ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत इन एनजीओ की फंडिंग पर रोक लगा दी है। गृह विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि इस तरह की फंडिंग ‘राष्ट्रीय हित में नहीं है’। गृह मंत्रालय ने इन एनजीओ की सूची अभी तक जारी नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि इनमें से कई ऐसे संगठन है, जो मानव अधिकारों के लिए कार्य करते हैं।

विदेशी चंदा लेने पर लगी रोक से ये एनजीओ वाले सरकार से नाराज हैं। इनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से मानव अधिकारों के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों के सामने परेशानी खड़ी होगी। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्रालय ने जो फैसला किया है, वह अनुचित और तर्कपूर्ण है। अगर सरकार ने यह रोक लगाई है, तो उसे यह बताना चाहिए कि रोक किस कारण से लगाई गई है, एनजीओ पर क्या आरोप हैं।

सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ सोशल कंसंर्स (पीपुल्स वॉच) के एक प्रवक्ता के अनुसार एफसीआरए के अंतर्गत उनका विदेशी मुद्रा में चंदा लेने का लायसेंस नवीनीकरण से रोक दिया गया है। इस लायसेंस के बिना यह संस्था विदेशों से चंदा नहीं ले सकती। उसे भी चंदा रोकने का कोई कारण नहीं बताया गया। इसके पहले 2012 और 2013 में भी इस संस्था की विदेशी फंडिंग पर तीन बार रोक लगाई गई थी। इस संस्था का बैंक खाता में फ्रीज किया गया था। 18 महीने के संघर्ष के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर इस लायसेंस का नवीनीकरण किया गया। कई एनजीओ को गृह मंत्रालय की तरफ से सिर्फ एक लाइन का ई-मेल संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि आपकी संस्था को मिलने वाला लायसेंस रोक दिया गया है।
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गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ-साफ कहा है कि हमने 11 हजार 319 एनजीओ का एफसीआरए लायसेंस रोक दिया है क्योंकि इन्होंने 30 जून की डेड लाइन बीतने के बाद भी आवेदन नहीं किया। 1736 एनजीओ ने अपने दस्तावेजों के साथ शपथ पत्र जमा नहीं किया। इन्हें 8 नवंबर तक का मौका दिया गया था कि वे अपने दस्तावेज पेश कर दे, लेकिन फिर भी इन्होंने अपने दस्तावेज पेश नहीं किए।

सरकार के इस फैसले पर एनजीओ से जुड़े संगठनों का कहना है कि वर्तमान सरकार एफसीआरए का उपयोग राजनैतिक हथियार के रूप में अपने विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है। जवाब में यह लोग सिर्फ यहीं कहते है कि उन्होंने ‘जनहित’ अथवा ‘राष्ट्रहित’ में यह निर्णय लिया है, इसके बारे में खुलकर बातें नहीं बताते। इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर जैसे जाने-माने वकीलों से जुड़े संगठन को भी एफसीआरए के तहत प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। यह संगठन तीस्ता सितलवाड़ और प्रिया पिल्लई जैसी सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन करता है। इन कार्यकर्ताओं ने गुजरात के कथित साम्प्रदायिक दंगों के बारे में सरकार की भूमिका पर बार-बार सवाल खड़े किए।

गृह मंत्रालय के फैसले के खिलाफ एनजीओ बार-बार कोर्ट में जाते है, जहां आमतौर पर उनके पक्ष में फैसले होते है। कोर्ट बार-बार यही दोहराते है कि सरकार इस कानून का राजनैतिक उपयोग बंद करे। इन सामाजिक कार्यकर्ताओं का अधिकार है कि वे जनता से जुड़े मुद्दों के बारे में दुनियाभर को जानकारी दें। ऐसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को विदेश जाने से रोकने की वारदातें भी हुई है। एनजीओ से जुड़े संगठनों का कहना है कि सरकार से जुड़े इस फैसले से मानव अधिकारों का हनन होता है। ये मानव अधिकार हमारे संविधान द्वारा दिए गए है और उनका हनन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। गृह मंत्रालय और भारत सरकार एनजीओ निगरानी रखे और वहां भ्रष्टाचार न होने दे, इस पर तो कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार अपने अधिकारों का दुरूपयोग न करें। एनजीओ लगातार एफसीआरए को रद्द करने की वकालत भी करते रहते है, लेकिन सरकार ने मार्च में ही इस कानून में बदलाव किए है और यह बदलाव पिछली तारीखों से लागू किए गए है। ताकि विदेशी संस्थाएं और लोग भारत में राजनैतिक पार्टियों को चंदा न दे सके। चुनाव में विदेशी हितों की रक्षा की कोशिशें रोकी जाना गलत बात नहीं है, लेकिन एनजीओ को परेशानी का सामना करना पड़े, यह अच्छी बात नहीं है। एक तरफ तो सरकार तमाम आधारभूत उद्योगों में विदेशी निवेश को बढ़ावा दे रही है, दूसरी तरफ मानव अधिकार जैसे क्षेत्र में विदेशी सहयोग पर अंकुश लगाने की कोई कोशिश नहीं छोड़ती।

Penal Action

Orders placing associations Under Temporary Suspension

Lawyers Collective(LC), Jalaram Jyot, 4th Floor, Janambhoomi Marg, Fort, Mumbai
Sabrang Trust, Nirant, Juhu Tara Road, Juhu Mumbai
Greenpeace India Society, New No.47 (old No.22), 2nd cross street, Ellai Amman colony, Gopalapuram, Chennai.
The United Theological College, 63, Miller’s Road, Benson Town, Bangalore
Salve Regina Charitable Trust, #9, Via Hanumantha Nagara, Doddagubbi Post Bileshivale-49(Karnataka)
Kerala Catholic Charismatic Renewal Services ‘Emmaus’, Ernakulam, Kerala

Order cancelling FCRA registration of associations

Sabrang Trust, Nirant, Juhu Tara Road, Juhu Mumbai
Greenpaece India Society , Tamil Nadu
Order Cancelling registration of 8975 associations for not filing annual returns for the financial years 2009-2010 to 2010-2012
Educational Society of Professionals and Vocationals, New Delhi
Order Cancelling registration of 1142 associations of the State of Andhra Pradesh for not filing annual returns for the financial years 2009-2010 to 2010-2012
Kerala Catholic Charismatic Renewal Services’Emmaus’ H.M.T. Colony, PO. Ernakulam-683503 (Kerala)

Order placing associations under Prior Permission Category

Islamic Research Foundation(IRF), Mumbai
Citizen for Justice and Peace, Nirant, Juhu Tara Road, Juhu, Mumbai
Placing 8673 associations under Prior Permission category for not filing annual returns for the financial years 2001-02 tro 2003-2004
Orders removing associations from Prior Permission Category
Order on 8 October 2009
Order on 29 May 2009
Order on 18 Feb 2010
Order on 18 April 2012

Advisory

Advisory on incurring expenditure above Rs.20,000/- by Cheque/ Draft
Instruction to all NGOs regarding FCRA letters/envelops
Advisory on foreign funding

General Circulars

Associations whose renewal application has been closed (Time for sending clarification has been lapsed) List Attached
Notice for associations whose renewal application has been closed List Attached
Submission of Annual Returns Online
Advertisement for Consultants
Filing of returns under Lokpal and Lokayuktas Act, 2013
Regarding Updation of Bank Accounts
Order regarding Lokpal Act for FCRA registered associations
Monthly meeting of Director (FCRA)
Advertisement for Consultants
Making all FCRA services online – regarding
Notices to FCRA registered associations for not filing annual returns from 2009-2010 to 2011-2012
Charter for associations applying for registration / prior permission under FCRA 2010
Charter for associations granted registration / prior permission under FCRA 2010.
Charter for Chartered Accountants
Charter for Banks
Monthly Meeting of Director(FCRA)-Corrigendum



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