मल्हार मीडिया ब्यूरो।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सपा नेता व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ अदालत से गैरजमानती वारंट जारी हो जाने को खासा गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछा है कि गायत्री प्रजापति के मंत्रिमंडल में बने रहने का क्या औचित्य है और मुख्यमंत्री इस पर अपनी राय से उन्हें जल्द से जल्द अवगत करायें।
राज्यपाल ने रविवार को इस संबंध में एक पत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक महिला तथा उसकी नाबालिग पुत्री के साथ अपने साथियों सहित सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को संज्ञान में लेते हुए गैर जमानती वारण्ट जारी किया है।
इस प्रकार के मंत्री के कैबिनेट में बने रहने तथा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से लोकतांत्रिक शुचिता, संवैधानिक मर्यादा व संवैधानिक नैतिकता का गम्भीर प्रश्न उत्पन्न होता है। नाईक ने कहा है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार फरार चल रहे उक्त कैबिनेट मंत्री के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए केंद्र के गृह मंत्रालय ने उनके विरूद्ध न केवल लुक आउट नोटिस जारी किया गया है, बल्कि उनका पासपोर्ट भी निलम्बित कर दिया गया है।
राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया के विभिन्न चैनलों से यह भी ज्ञात होता है कि स्वयं मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि उक्त मंत्री, अभियुक्त प्रजापति को अविलम्ब आत्म-समर्पण कर देना चाहिए परन्तु जैसा कि ज्ञात होता है कि प्रजापति द्वारा अभी तक आत्म-समर्पण नहीं किया गया है अपितु वह लगातार फरार चल रहे हैं और उनके विदेश भाग जाने की आशंका है।
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