मल्हार मीडिया ब्यूरो।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सीरिया के कई अहम सैन्य ठिकानों पर हमले किए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरियाई सरकार द्वारा डौमा में कथित तौर पर किए गए रासायनिक हमले पर प्रतिक्रियास्वरूप यह कदम उठाया है।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस से कहा, "मैंने अमेरिकी सशस्त्रबलों को सीरिया के तानाशाह बशर अल असद सरकार के डौमा में रासायनिक हमलों पर प्रतिक्रियास्वरूप उनके चुनिंदा सैन्य ठिकानों पर हमला करने के आदेश दिए हैं।"
ट्रंप ने कहा, "इस संयुक्त सैन्य कार्रवाई में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सेनाएं शामिल हैं।"
ट्रंप ने अपने संबोधन में डौमा में हुए कथित रासायनिक हमले को मानव कृत्य नहीं बताया। उन्होंने कहा, "यह किसी इंसान का काम नहीं है। यह हैवान का काम है।"
ट्रंप ने संकेत दिए कि ये हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक सीरिया सरकार रासायनिक हमलों का इस्तेमाल बंद नहीं कर देता।
पेंटागन के मुताबिक, ये हवाई हमले सीरिया के रासायनिक हथियारों के तीन भंडारगृहों को निशाना बनाकर किए गए। इसमें दमिश्क के पास वैज्ञानिक शोध अनुसंधान इकाई शामिल है, जहां रासायनिक हथियारों का कथित तौर पर उत्पादन होता है। होम्स के पास रासायनिक हथियार भंडारण इकाई और होम्स शहर के अहम सैन्य ठिकाने, जहां रासायनिक हथियारों से जुड़ी सामग्री रखी जाती है।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, जिन-जिन स्थानों को निशाना बनाकर हमले किए गए, उनमें सीरियाई सेना की 4वीं टुकड़ी और रिपब्लिकन गार्ड भी शामिल हैं।
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में शामिल अमेरिकी विमानों में बी-1बमवर्षक और जहाज हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सीएनएन को बताया कि उन्होंने ट्रंप के राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान ही दश्मिक में धमाकों की आवाजें सुनी।
दमिश् के लोग कई धमाकों की आवाज के साथ उठे।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पूरा शहर और पहाड़ी क्षेत्र सैन्य इकाइयों से घिरे हुए हैं।
सीरिया के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, देश की वायुसेना इस अमेरिकी हमले का मुस्तैदी से जवाब दे रही हैं। इस दौरान मिसाइलें दागे जाने के वीडियो भी दिखाए जाने लगे।
हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इससे नुकसान हुआ है या नहीं। ऐसी खबर है कि अब तक सीरिया वायुरक्षाबलों द्वारा 13 मिसाइलें दागी गई हैं।
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