मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आजाद भारत के इतिहास में मोदी देश के तीसरे और जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे.
इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बार इस धारणा को धराशाही कर दिया कि केन्द्र की सत्ता में अब गठबंधन का दौर शायद ही खत्म हो. चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस के 50 सीटों तक ही सिमटने के ही आसार नजर आ रहे हैं.
इस चुनाव ने 68 बरस के नरेंद्र दामोदरदास मोदी को पिछले कई दशकों में सबसे लोकप्रिय नेता बना दिया. चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंशिक आंकड़ों के अनुसार भाजपा इस बार 2014 से बेहतर प्रदर्शन करके 300 का आंकड़ा पार करने जा रही है.
अभी तक घोषित परिणामों में अमेठी से राहुल गांधी, पटना से शत्रुघ्न सिन्हा, केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, शीला दीक्षित, मिलिन्द देवड़ा, उर्मिला मतोंडकर, मुक्केबाज एवं कांग्रेस प्रत्याशी विजेन्द्र, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा, केन्द्रीय मंत्री अनंत गीते एवं हंसराज अहीर, बेगुसराय से कन्हैया कुमार, आप उम्मीदवार आतिशी पीछे चल रहे हैं या हार चुके हैं.
मोदी ने देशवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा, 'आपने फकीर की झोली भर दी है. हमने नए भारत के निर्माण के लिए जनादेश मांगा था और लोगों ने हमें इसके लिए आशीर्वाद दिया है.' उन्होंने भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ खचाखच भरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा,'भारत में पहली बार मतदान का प्रतिशत इतना रहा है और अब दुनिया को भारतीय लोकतंत्र की ताकत को पहचानना होगा.'
मोदी और शाह का पार्टी मुख्यालय पर गुलाब के फूलों की बरसात करके शानदार स्वागत किया गया. मोदी ने दोनों हाथ से हवा में विजय का निशान बनाया. देश के दो सबसे कद्दावर नेताओं ने भाजपा के संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
शाम साढे सात बजे तक भाजपा ने 542 में से 26 सीटें जीत ली है और 260 सीटों पर आगे हैं. सात चरण में हुए मतदान में जनता ने विपक्षी गठबंधन को नकार दिया है और कांग्रेस पार्टी ने 11 सीटें जीती है जबकि सिर्फ 40 पर आगे है. कांग्रेस का खाता 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खुलता नहीं दिख रहा जिनमें दिल्ली, गुजरात, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा,त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम, दमन दीव, दादरा नगर हवेली और चंडीगढ शामिल हैं.
मोदी वाराणसी में चार लाख 79 हजार 505 वोट से जीत गए जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट पर साढे पांच लाख वोट से विजयी रहे हैं. मोदी ने ट्वीट किया,'सबका साथ, सबका विकास और सबका आत्मविश्वास यानी विजयी भारत.' उन्होंने कहा,'हम एक साथ विकास करेंगे और साथ मिलकर सशक्त और समावेशी भारत बनाएंगे. एक बार फिर भारत की जीत हुई.'
मतदान के आखिरी चरण में 'अबकी बार 300 पार' का भाजपा का नारा सही साबित होता दिख रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है ' के नारे का मतदाताओं पर कोई असर हुआ नहीं दिखता. इन नतीजों से गांधी के नेतृत्व और उनकी पार्टी के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं. एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इन मसलों पर बात करने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी शुक्रवार को भविष्य को लेकर बैठक करेगी.
गांधी ने कहा,'भारत के लोगों ने तय किया है कि नरेंद्र मोदी अगले प्रधानमंत्री होंगे और मैं उसका पूरा सम्मान करता हूं.'उन्होंने मोदी और भाजपा को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हार के कारणों की पड़ताल करने का नहीं है बल्कि देशवासियों की इच्छा का सम्मान करने का है.
अंतिम नतीजों तक रूझान यही रहते हैं तो भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में उसके सहयोगी 344 सीट जीत जाएंगे जबकि 2014 में उन्होंने 336 सीटें जीती थी. भाजपा ने पिछली बार खुद 282 सीटें जीती थी. मोदी और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा,'महत्वाकांक्षी भारत रजवाड़ों, वंशवाद और जातिगत राजनीति को स्वीकार नहीं करता.'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - भाजपा की इस बड़ी जीत के लिए बधाई. मैं लोगों की शुक्रगुजार हूं.' यह नतीजे पिछले पांच साल में मोदी की लोकप्रियता, उनकी सरकार की उपलब्धियों और उनके चुनाव अभियान पर मुहर लगाते हैं. बालाकोट हवाई हमले के बाद भाजपा का पूरा चुनाव अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा और हिंदूत्व पर केंद्रित था. उन्होंने वंशवादी राजनीति और देश की हालत के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया.
विरोधी दलों ने भाजपा के अभियान को धुव्रीकरण और तोड़ने वाली राजनीति से प्रेरित बताया था. इसके बावजूद रूझानों से तय हो गया कि देश भर में मोदी की लहर थी और पार्टी के शानदार चुनाव प्रबंधन ने भौगोलिक, जातिगत, उम्र, लिंग और आर्थिक स्थिति के तमाम बंधनों को तोड़ डाला.
उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से मिली चुनौती के बीच भाजपा 80 में से 59 सीटों पर आगे है. सपा छह और बसपा 11 सीटों पर आगे है. भाजपा ने पिछली बार उत्तर प्रदेश में 71 सीटें जीती थी लेकिन इस बार भी उसका प्रदर्शन तमाम एक्जिट पोल के अनुमानों से बेहतर है.
भाजपा का लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय भगवा रंग में डूब गया है और गले में केसरिया पट्टी, गेंदे की माला पहने और हाथ में कमल का कटआउट लिए भाजपा कार्यकर्ता चहुंओर नजर आ रहे हैं. उन्होंने पटाखे जलाए और नगाड़ों की थाप पर झूमते नजर आए. महिला कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ भगवा परिधान पहने बल्कि नाखून भी उसी रंग में रंगे थे.
दूसरी ओर कांग्रेस, बसपा और सपा कार्यालयों में मातमी सन्नाटा पसरा है. चिलचिलाती धूप में सपा कार्यालय के बाहर चुनाव सामग्री बेच रहे दुकानदार भी चुपचाप बैठे थे और चाय के खोमचों पर फुसफुसाहटें ही सुनाई दे रही है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर आगे है. राहुल गांधी भी अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी से 20000 मतों से पीठे चल रहे हैं. वह हालांकि केरल के वायनाड में आठ लाख 30 हजार मतों से आगे हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने पत्रकारों से कहा,'कांग्रेस पार्टी निराश है और रूझान हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है. पूरी मतगणना होने तक मैं नतीजों पर नहीं जाऊंगा.' मोदी लहर सिर्फ हिन्दीभाषी प्रदेशों और गुजरात में ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी रही. केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को यह छू नहीं सकी. तेलंगाना में भाजपा चार सीटों पर आगे है.
आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी हार रही है जबकि वायएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी बहुमत की ओर बढ रहे हैं. मध्यप्रदेश में भाजपा 29 में से 28 सीटों पर आगे है जबकि राजस्थान में यह 25 में से 24 सीटों पर आगे चल रही है. छत्तीसगढ में भाजपा नौ और कांग्रेस दो सीटों पर आगे है.
हरियाणा में दस में से नौ सीटों पर रूझान भाजपा के पक्ष में है. ओडिशा में भाजपा 21 में से छह और बीजू जनता दल 15 सीटों पर आगे है. ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजद का सत्ता में लौटना तय हो गया है. वहां मतदाताओं ने चतुराई से मतदान करके केंद्र और राज्य के लिए अपनी प्राथमिकताएं जाहिर कर दी है.
बिहार में 40 में से 16 सीट पर भाजपा और 15 सीट पर जद (यू) आगे है. पश्चिम बंगाल में 42 में से 22 सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस आगे है जबकि भाजपा 19 सीटों पर आगे है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां दो सीटें ही जीती थी जबकि कभी वामपंथ का गढ रहे राज्य से वाम दलों का सफाया हो गया था.
तमिलनाडु में द्रमुक 20 सीटों पर और अन्नाद्रमुक दो सीटों पर आगे है. केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ 20 में से 18 सीटों पर आगे है. रूझान आने के साथ मोदी के फिर प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होता देख देशभर में भाजपा कार्यकर्ता जोश से भर गए हैं. जगह जगह उनके जश्न और मिठाई बंटने का सिलसिला शुरू हो गया है.
देश भर के 4000 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती जारी है. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मतगणना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने देर शाम तक नतीजे आने के संकेत दिए हैं. उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में पंजीकृत 90.99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 67.11 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. भारतीय संसदीय चुनाव में यह अब तक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है.
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