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भारत ने पाकिस्तानियों को अधिक मेडिकल वीजा देने का वादा किया

राष्ट्रीय            Nov 29, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

पाकिस्तान की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को एक तीन वर्षीय बच्चे समेत चार अन्य पाकिस्तानियों को मेडिकल वीजा देने का वादा किया। सुषमा स्वराज ने मसरुर अख्तर सिद्दीकी द्वारा किए गए अनुरोध के जवाब में ट्वीट किया, "हां, मोहम्मद शाफए केवल 3 साल का है। हम उसे भारत में ओपन हार्ट सर्जरी करवाने के लिए वीजा देंगे।" मसरुर ने कहा था कि उनके पुत्र को 20 दिसंबर को ओपन हार्ट सर्जरी करानी है।

सुषमा स्वराज ने सोहेल अरबी नामक एक अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए अनुरोध के जवाब में कहा, "भारतीय उच्चायोग भारत में उनके लिवर प्रत्यारोपण के लिए वीजा जारी करेगा।" अरबी ने कहा था कि उनकी 14 वर्षीय बेटी हदिया अरबी की स्थिति गंभीर है।

मंत्री ने भारत में बोन मैरो प्रत्यारोपण के लिए 9 वर्षीय अब्दुर रहमान को भी वीजा देने का आश्वासन दिया। इसी तरह मोहम्मद तैयब नाम के मरीज को भी वीजा देने का वादा किया और भारतीय उच्चायोग से संपर्क के लिए कहा।

इस हफ्ते की शुरुआत में सुषमा स्वराज ने 12 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में इलाज के लिए मेडिकल वीजा देने का आश्वासन दिया था।

पिछले सप्ताह पाकिस्तान ने भारत पर मानवीय मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाया था और कहा था कि 'उसके कुछ चुनिंदा नागरिकों को मेडिकल वीजा देना करुणा का भाव नहीं बल्कि क्रूर राजनीति है।'

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि कुछ चुनिंदा पाकिस्तानियों को मेडिकल वीजा देने की भारत की नीति 'अफसोसजनक' है।

पाकिस्तानी नागरिक लाहौर के शहजेब इकबाल ने 25 नवंबर को सुषमा स्वराज को ट्वीट किया था, "अल्लाह के बाद, आप हमारी आखिरी उम्मीद हैं" और अपने चचेरे भाई के लिए मेडिकल वीजा की मांग की। मंत्री ने उन्हें निराश नहीं किया।

स्वतंत्रता दिवस पर विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि भारत सभी वास्तविक पाकिस्तानी रोगियों को मेडिकल वीजा प्रदान करेगा।

इससे पहले दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास पैदा होने के बाद, मंत्रालय ने मई में घोषणा की थी कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज द्वारा जारी किया गया सिफारिशी पत्र ही केवल एक पाकिस्तानी को मेडिकल वीजा प्राप्त करने के लिए सक्षम बना सकता है।

इस्लामाबाद ने कहा था कि इस तरह का पत्र राजनयिक मानदंडों का उल्लंघन है।

15 अगस्त के बाद से चिकित्सा उपचार की मांग करने वाले सभी पाकिस्तानियों को वीजा दिया गया है।



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