मल्हार मीडिया भोपाल।
अरविंद शर्मा को मध्य प्रदेश विधानसभा का नया प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। नियुक्ति आदेश जारी होते ही शर्मा ने मंगलवार को पदभार भी ग्रहण कर लिया।
करीब दस साल से लगातार मप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव का जिम्मा संभाल रहे अवधेश प्रताप (एपी) सिंह का 30 सितंबर को कार्यकाल पूरा हो गया।
वे रिटायरमेंट के बाद पिछले दो साल से संविदा के तहत एक्सटेंशन पर थे। मप्र मानवाधिकार आयोग की नियुक्ति समिति ने एपी सिंह का चयन सदस्य के रूप में किया है। राज्यपाल को उनके नाम की अनुशंसा सरकार की ओर से भेज दी गई है।
श्री शर्मा ने ए.पी. सिंह का स्थान लिया है, जो 2016 से राज्य के प्रधान सचिव थे और मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। सिंह का कार्यकाल, जो रिटायरमेंट के बाद दो बार बढ़ाया गया, विधानसभा के इतिहास में अभूतपूर्व माना जाता है। 10 साल तक लगातार इस पद पर रहकर सिंह ने प्रशासनिक निरंतरता का रिकॉर्ड बनाया।
हालांकि एपी सिंह की रिटायरमेंट के बाद मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग में प्रशासनिक सदस्य के रूप में नियुक्ति ने विवाद खड़ा कर दिया है।
चयन समिति की बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया और कांग्रेस ने इस नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
इस राजनीतिक विवाद के बावजूद सिंह का विदाई समारोह गर्मजोशी और सम्मान के साथ संपन्न हुआ।
मंगलवार को विधानसभा सचिवालय में एक समारोह आयोजित हुआ, जिसमें स्पीकर तोमर और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सोमवार को पूर्व विधानसभा ने भी सिंह को सम्मानित किया, जहां उन्होंने अपने कार्यकाल को याद करते हुए इसे गर्व की बात बताया। राज्य सरकार जल्द ही सिंह की मानव अधिकार आयोग में नई भूमिका के लिए आधिकारिक आदेश जारी करेगी।
अरविंद शर्मा के नेतृत्व में अब नई प्रशासनिक दिशा की उम्मीदें हैं। उनका संसदीय मामलों का अनुभव और लोकसभा में पूर्व कार्यकाल सचिवालय के भविष्य को आकार देगा, खासकर 2028 के विधानसभा चुनावों
Comments