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भारत-सिंगापुर हमारे युग की साझेदारी बना रहे - मोदी

राष्ट्रीय            Jun 01, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

भारत व सिंगापुर के बीच के संबंधों को हार्दिक व निकटतम संबंध बताते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि दोनों पक्ष हमारे युग के संबंध बना रहे हैं। एक व्यापारिक व सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने भारत व सिंगापुर के बीच के संबंध को 'हमारी विरासत' बताया।

दक्षिणपूर्व एसियाई शहर से हमेशा प्रेरणा मिलने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इसने दिखाया है कि उपलब्धियों को हासिल करने में आकार कोई बाधा नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, "सिंगापुर की सफलता इसकी बहु सांस्कृतिक समाज के सौहार्द में है, इसके विविधता के जश्न में विशिष्ट व अनूठी सिंगापुर की पहचान है।"

मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच बिना किसी संघर्ष और दावों के हार्दिक और निकटतम संबंध है।

भारतीय मूल के यहां 800,000 लोगों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, यहां सिंगापुर में आप भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने कहा, "इस असाधारण विरासत की नींव पर हमारे मानव संपर्क की संपत्ति व हमारे साझा मूल्य की ताकत पर भारत व सिंगापुर हमारे युग का संबंध बना रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "यह संबंध है जो सामरिक साझेदारी के परीक्षण को वास्तविक रूप से पूरा करता है।"

भारत व सिंगापुर ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को 2015 में सामरिक साझेदारी तक बढ़ाया।

मोदी ने कहा कि जब भारत ने दरवाजे खोलकर पूर्व की ओर देखा, तब सिंगापुर हमारा सहयोगी बना और भारत और आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन) के बीच सेतु बना।

उन्होंने कहा, "भारत और सिंगापुर के बीच हार्दिक और निकटतम राजनीतिक संबंध है।"

मोदी ने कहा, "हमारे बीच कोई संघर्ष या दावा नहीं है, न हि कोई रोष या संदेह है।"

उन्होंने कहा कि हमारे बीच साझा दृष्टिकोण के साथ एक स्वाभाविक दोस्ती है और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध काफी मजबूत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हम नियम आधारित आदेशों, सभी देशों की संप्रभुता की समानता व वाणिज्य व जुड़ाव के लिए मुक्त व खुले मार्गो के लिए एक आवाज में बोलते हैं।

उन्होंने कहा, "अर्थनीति संबंधों के दिल की धड़कन है।"

इस साझेदारी को भारत की वैश्विक भागीदारी की अग्रिम पंक्ति में बताते हुए मोदी ने कहा कि सिंगापुर भारत के प्रमुख निवेश स्रोत व गंतव्य दोनों है।

उन्होंने कहा, "सिंगापुर पहला देश था जिसके साथ हमने (2005 में) एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया।"

उन्होंने कहा कि करीब 250 उड़ानें प्रत्येक दिशा से हर सप्ताह सिंगापुर से भारत के 16 शहरों को जोड़ती हैं और कहा कि इसमें वृद्धि तय है।

उन्होंने कहा, "भारत सिंगापुर में पर्यटकों का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है और यह सबसे तेजी से बढ़ रहा है। हमारी आईटी कंपनियां सिंगापुर को स्मार्ट और प्रतिस्पर्धी रहने में मदद कर रही हैं।"

मोदी ने कहा भारत के विकास की प्राथमिकता वाले कई क्षेत्रों जिसमें स्मार्ट शहरों, शहरी समाधान, वित्तीय क्षेत्र, कौशल विकास, बंदरगाहों, लॉजिस्टिक्स, विमानन और औद्योगिक पार्क में सिंगापुर एक प्रमुख भागीदार है।

भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक सुधारों की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इसने देश की विश्व बैंक की व्यापार करने में आसानी की रैकिंग में 42 स्थान ऊपर पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि भारत मुक्त, स्थिर और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के लिए काम करेगा।

मोदी ने कहा, "हमारे पूर्व में हमारी भागीदारी सबसे मजबूत होगी, और अर्थनीति हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।"

उन्होंने फिर से कहा कि भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के जल्द निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए आसियान के लिए काम करेगा।

मोदी तीन दक्षिण एशियाई देशों के पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत यहां गुरुवार को पहुंचे।

व्यापार और सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लेने से पहले मोदी सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली हसीन लूंग के साथ मरीना बे सैंड्स कन्वेंशन सेंटर में भारत-सिंगापुर एंटरप्राइज और इनोवेशन प्रदर्शनी का दौरा किया।

इस प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय उच्चायोग ने सिंगापुर में इंटरप्राइज सिंगापुर के साथ मिलकर किया था।

मोदी शुक्रवार को प्रधानमंत्री ली के साथ एक शिखर सम्मेलन में भाग लेगे व शांगरी ला वार्ता को संबोधित करेंगे।



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