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इंदौर विधायकों की चुप्पी पर पटवारी ने उठाया सवाल, पूछा जिले की 09 सीटों के MLA सदन में चुप क्यों ?

राजनीति            Aug 02, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पहला चरण शुक्रवार को समाप्त हो गया। पाँच दिन चले इस चरण में इंदौर जिले के 09 में से केवल 01 विधायक ने ही जनता के मुद्दे उठाए, लेकिन प्रश्नकाल समाप्त होने के कारण उनकी आवाज़ भी सदन में नहीं गूंज सकी।

शेष 08 विधायक या तो चुप्पी साधे बैठे रहे या फिर सिर्फ़ हाजिरी लगाकर सदन से गायब हो गए।

विस 01 के कैलाश विजयवर्गीय और सांवेर के तुलसी सिलावट ने सवाल नहीं पूछे, सिर्फ़ मंत्री के रूप में जवाब दिए।

विस 02 रमेश मेंदोला, विस 03 गोलू शुक्ला, विस 04 मालिनी गौड़, राऊ के मधु वर्मा और महू की उषा ठाकुर सदन में मौजूद रहे, लेकिन पूरे सत्र में मौन साधे रहे।

इंदौर का कोई भी विधायक पूरे समय सदन में नहीं बैठा; कुछ तो प्रश्नकाल के तुरंत बाद निकल गए, और एक विधायक तो उपस्थित ही नहीं हुए।

काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा

क्या इंदौर में सचमुच रामराज्य आ गया है, जहाँ जनता की कोई समस्या ही नहीं बची?

लोकतंत्र के मंदिर में जनता की आवाज़ उठाने के बजाय भाजपा विधायक हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं।"

इंदौर जिले के गंभीर मुद्दे जिन पर विधायक मौन रहे

 क्या ये मुद्दे नहीं हैं?

  1. इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल घोटाला : 92 करोड़ रुपए के ड्रेनेज निर्माण कार्यों में फर्जी बिल बनाकर भुगतान का आरोप, जिसमें इंदौर नगर निगम (IMC) के अधिकारी और ठेकेदार शामिल हैं!
  2. पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी का दूषित कचरा : भोपाल यूनियन कार्बाइड से 337 टन विषैली केमिकल वेस्ट को जनवरी 2025 में पीथमपुर लाकर जलाने का जनता/डॉक्टरों ने विरोध किया! स्वास्थ्य व पर्यावरण के खतरे का आरोप लगाया!
  3. नगर निगम में 50% कमीशन व्यवस्था : पब्लिक डोमेन में इस आरोप ने पैर जमाए कि इंदौर नगर निगम में हर स्तर पर फाइल पास करने और कांट्रेक्ट देने में 50% तक कमीशन लिया जाता है! इसी से करदाताओं पर बोझ बढ़ा है!
  4. स्मार्ट सिटी/नेहरू पार्क निर्माण घोटाला : स्मार्ट सिटी योजना में करोड़ों की लागत से नेहरू पार्क का निर्माण हुआ, जिसमें घटिया सामग्री, जल्द जर्जर हुई व्यवस्थाओं, फर्जी भुगतान के आरोप लगे! भाजपा के भीतर से ही कुछ नेताओं ने आवाज उठाई!
  5. नगर निगम में भ्रष्टाचार/कॉर्पोरेट टैक्स चोरी : निगम संपत्ति और प्रचार सामग्री (यूनिपोल) के मामले में 10 करोड़ रुपए का नुकसान, ठेकेदारों-कर्मचारियों की मिलीभगत! यह आरोप भी कि सरकार या महापौर की "मिलीभगत" के बिना यह संभव नहीं!
  6. भाजपा नेता पर महिला शोषण का आरोप : इंदौर जिले के ग्रामीण हिस्से से जुड़े भाजपा नेता मुकेश पंचोला पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर रेप व ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया! सत्ता संरक्षण से भाजपा में नेतृत्व की नैतिकता पर सवाल उठे!

 पंचायत/जनपद चुनावों में धनबल और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप : देहात क्षेत्र की कई पंचायत/जनपद चुनावों में शिकायत मिली कि भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने सरकारी मशीनरी, प्रशासनिक दबाव और धनबल का इस्तेमाल किया! निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया संदेह में आई!

  1. ग्राम पंचायत में सरकारी राशि के दुरुपयोग/मनरेगा फर्जीवाड़ा : इंदौर जिले के कुछ गांवों में मनरेगा मद और पंचायत फंड में फर्जी बिल, मजदूरों के नाम पर भुगतान और भ्रष्टाचार के आरोप खुलेआम मीडिया में आए! दोषियों को बचाने वालों को कटघरे में कौन खड़ा करेगा?
  2. सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार, ग्रामीण सड़कों की दुर्दशा : जिले के कस्बाई और देहाती हिस्सों में करोड़ों के ठेके, 25 साल गारंटी का दावा करने वाली सड़कों का जल्दी खराब होना, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें धंसना जैसे गंभीर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए! भाजपा सरपंच, ठेकेदार और प्रशासन पर सवाल!
  3. ग्रामीण इलाकों में सरकारी भूमि पर कब्जा /भूमाफिया संरक्षण : ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी और गौचर भूमि पर अवैध कब्जे, भाजपा से जुड़े नेताओं द्वारा संरक्षण के आरोप कई बार मीडिया के जरिए भी सामने आए, लेकिन हर बार दोषी बेनकाब होने से बच गए!

 


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