मल्हार मीडिया ब्यूरो।
देश के रासायनिक क्षेत्र में विकास की बड़ी क्षमता है और इसकी निर्यात मांग पूरी करने की क्षमता बनाए जाने की जरूरत है। यह उन उद्यमियों के बड़े पूल की वजह से है, जो आने वाले दिनों में रासायनिक क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां एक कार्यक्रम में यह बात कही। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित बेसिक केमिकल्स, कॉस्मेटिक्स एवं डायज निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा 46वें सालाना निर्यात अवार्ड और वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट प्रदान करने के कार्यक्रम में प्रभु ने कहा, "मैं समझता हूं कि रासायनिक क्षेत्र की रफ्तार दोगुनी से ज्यादा होगी तथा 2025 तक यह अभी के 147 अरब डॉलर से बढ़कर 300 अरब डॉलर तक हो जाएगी। सरकार की पहल के तहत, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सरकार देश के निर्यात को बढ़ाने के लिए आपके उद्योग को एक सक्षम वातावरण प्रदान करेगी।" इस दौरान परिषद की तरफ से केमएक्सिल निर्यात पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्रभु ने कहा, "केमएक्सिल निर्यात पुरस्कार के दौरान व्यापार को अगले स्तर तक ले जाने के लिए आगे आनेवाले उद्यमियों की पहली पीढ़ी को देखना उत्साहजनक था। दुनिया के कई देशों ने रसायनों के लिए कड़े मानदंड निर्धारित किए हैं। यह भारत को बाजार में पहुंच बढ़ाने तथा बाजार हिस्सेदारी को हासिल करने का शानदार अवसर प्रदान करता है।"
रसायनों के निर्यात में शीर्ष स्थान हासिल करनेवाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, आरती इंडस्ट्रीज, यूपीएल, इंडो-एमाइन्स, गैलेक्सी सर्फेकटेंट्स, जुबलिएंट लाइफसाइंसेज, गिरनाड और ऑरीफ्लेम प्रमुख हैं।
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