मल्हार मीडिया ब्यूरो।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार, 27 सितंबर को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले मामले में FIR दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है।
दरअसल, कर्नाटक गवर्नर थावर चंद गहलोत ने 16 अगस्त को इस घोटाले में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। सिद्धारमैया इसके खिलाफ हाईकोर्ट गए, लेकिन 24 सितंबर को अदालत ने भी कहा कि जांच का आदेश सही है, ये होनी चाहिए।
सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों का नाम MUDA लैंड स्कैम में आया है। एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया।
जांच के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट में खारिज 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने MUDA स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को बरकरार रखा था। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा, 'याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।'
राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी। CM ने 19 अगस्त को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
कर्नाटक राज्यपाल सचिवालय की ओर से सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर जारी नोटिस।
सिद्धारमैया बोले- सत्य की जीत होगी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे जांच का सामना करने से नहीं डरते, लेकिन कानूनी सलाह लेंगे कि क्या इस मामले में इन्वेस्टिगेशन हो सकती है या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं। अंत में सच की जीत होगी।
MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।
MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी।
हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था।
MUDA घोटाले को लेकर भाजपा और जेडीएस ने 3 अगस्त से सात दिनों की बेंगलुरु से मैसुरु तक पदयात्रा की। इसमें JDS नेता एचडी कुमारस्वामी और कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र भी शामिल हुए।
MUDA घोटाले को लेकर भाजपा और जेडीएस ने 3 अगस्त से सात दिनों की बेंगलुरु से मैसुरु तक पदयात्रा की। इसमें JDS नेता एचडी कुमारस्वामी और कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र भी शामिल हुए।
सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं
सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत कसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हों, लेकिन उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।
भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है। कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है। राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं, उनका शुक्रिया।
घोटाले की जांच की मांग की गई 5 जुलाई 2024 को एक्टिविस्ट कुरुबरा शांथकुमार ने गवर्नर को चिट्ठी लिखते हुए कहा- मैसुरु के डिप्टी कमिश्नर ने MUDA को 8 फरवरी 2023 से 9 नवंबर 2023 के बीच 17 पत्र लिखे हैं। 27 नवंबर को शहरी विकास प्राधिकरण, कर्नाटक सरकार को 50:50 अनुपात घोटाले और MUDA कमिश्नर के खिलाफ जांच के लिए लिखा गया था। बावजूद, MUDA के कमिश्नर ने हजारों साइटों को आवंटित किया।
सिद्धारमैया बोले- भाजपा सरकार में पत्नी को जमीन मिली आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा- 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए। 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है।
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