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प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में पठन तथा पुस्तकालय आंदोलन का आह्वान किया

राष्ट्रीय            Jun 17, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश भर में एक पठन तथा पुस्तकालय आंदोलन का आह्वान किया, जिससे न सिर्फ लोग साक्षर होंगे, बल्कि सामाजिक व आर्थिक बदलाव भी आएगा। केरल की राजधानी कोच्चि में पी.एन.पनिकर राष्ट्रीय पठन दिवस का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि डिजिटल पुस्तकालय की पायलट परियोजना के तहत पनिकर फाउंडेशन, इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेट दिल्ली के सहयोग से केरल में 18 सरकारी पुस्तकालयों के साथ काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, "मैं चाहूंगा कि इस तरह का पठन व पुस्तकालय आंदोलन पूरे देश में हो। आंदोलन का इद्देश्य लोगों को साक्षर बनाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। उसे सामाजिक व आर्थिक बदलाव लाने के वास्तविक लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 'शुभकामनास्वरूप पुष्प गुच्छ देने के बजाय पुस्तक भेंट करने' की अपील की और कहा कि पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी और काम में नहीं आता और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं है। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उच्च साक्षरता दर की उपलब्धि के मामले में यह राज्य पूरे देश का प्रेरणास्रोत है।

उन्होंने कहा, "साक्षरता के क्षेत्र में केरल ने पूरे देश को राह दिखाई है और प्रेरणास्रोत रहा है।" साथ ही उन्होंने युवाओं से पढ़ने का संकल्प लेने की अपील की।

मोदी ने कहा, "हम सब मिलकर एक बार फिर भारत को विद्वता व ज्ञान की धरती बना सकते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शुभकामनास्वरूप पुष्प गुच्छ देने के बजाय पुस्तक भेंट करें। इस तरह का कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।"

उन्होंने कहा, "पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी और काम में नहीं आता और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपनिषद के वक्त से ही ज्ञानी लोगों का जीवन भर सम्मान होता आया है।

उन्होंने कहा, "हम इस वक्त सूचना के युग में हैं। यहां तक कि आज भी ज्ञान ही मार्ग दिखा रहा है।"

मोदी ने कहा, "मैं लोगों की ताकत में यकीन रखता हूं और इस तरह के प्रतिबद्ध सामाजिक आंदोलन में बड़ी उम्मीद देखता हूं। उनमें एक बेहतर समाज तथा राष्ट्र निर्माण की क्षमता है।"

उन्होंने कहा, "कहा जाता है कि एक साक्षर महिला दो परिवारों को शिक्षित बना सकती है और मैं कह सकता हूं कि एक महिला दो पीढ़ियों को शिक्षित कर सकती है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "साक्षरता के क्षेत्र में केरल देश का अगुआ और प्रेरणा रहा है।" उन्होंने युवाओं से पढ़ने का संकल्प लेने की अपील की।

मोदी ने कहा कि पनिकर केरल में पुस्तकालय नेटवर्क के पीछे प्रेरक बल रहे हैं।

पनिकर को केरल में पुस्तकालय आंदोलन का जनक माना जाता है।

 



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