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पीओके के मरीजों को वीजा पाने के लिए पाकिस्तान की सिफारिश की जरूरत नहीं

राष्ट्रीय            Jul 18, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लीवर ट्यूमर के मरीज अली को भारत में इलाज के लिए वीजा पाने के लिए पाकिस्तान सरकार की सिफारिश की जरूरत नहीं है, क्योंकि पीओके 'भारत का अभिन्न हिस्सा' है।

ओसामा अली (24) को लीवर ट्यूमर है और उन्होंने नई दिल्ली इलाज कराने के लिए वीजा की मांग की थी। उन्हें हालांकि पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सिफारिश पत्र नहीं दिया। भारत ने यह अनिवार्य कर दिया है कि इलाज के लिए आने के इच्छुक उसी पाकिस्तानी को वीजा दिया जाएगा जिसके पास अजीज का सिफारिशी पत्र होगा।

अली पीओके के रावलकोट के निवासी हैं, जिनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज होगा, जहां उन्हें लीवर प्रत्यारोपण का सुझाव दिया गया है।

सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मरीजों को ऐसी किसी सिफारिश की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह भारत का हिस्सा है।

मंत्री ने ट्वीट किया, "पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान का उस पर अवैध कब्जा है। हम उन्हें (अली को) वीजा दे रहे हैं। उन्हें किसी भी पत्र की जरूरत नहीं है।"

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सहित कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंध काफी दिनों से तल्ख हैं। इसी तल्खी के बीच, भारत ने अपने यहां इलाज कराने के इच्छुक पाकिस्तानी मरीजों को वीजा के लिए सरताज अजीज की सिफारिश को अनिवार्य किया है।

सुषमा स्वराज ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिकों पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया था कि भारत में चिकित्सकीय इलाज के उत्सुक मरीजों को सिफारिश पत्र देने में वे क्यों आनाकानी कर रहे हैं।

मंत्री ने 10 जुलाई को किए गए ट्वीट में कहा, "मुझे इसमें कोई कारण नजर नहीं आता कि अपने देश को निवासियों को सिफारिश पत्र देने में उन्हें क्यों आनाकानी करनी चाहिए। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि सरताज अजीज अपने देश के नागरिकों पर भी ध्यान देते हैं।"



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