मल्हार मीडिया ब्यूरो।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करने और इसे लोकतंत्र के लिए बड़ी जीत बताने के बाद, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने इस निर्णय को 'अराजकतावादी' केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका बताया और कहा कि अब आम आदमी पार्टी(आप) को काम करके दिखाना होगा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "हमने केजरीवाल को धरना और अराजकता की राजनीति करते देखा है। उन्होंने कभी भी सौहार्द्र से काम करने की कोशिश नहीं की। सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल को जबरदस्त झटका दिया है। उन्हें अब अराजकता की राजनीति छोड़कर शासन की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।"
सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने बुधवार को आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में शासन की वास्तविक शक्ति चुने हुए प्रतिनिधियों के पास है और उपराज्यपाल मंत्रिमंडल द्वारा सहायता और सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।
न्यायालय ने इसके अलावा कहा कि दोनों के बीच मतभेद होने की स्थिति में, उपराज्यपाल मामले को राष्ट्रपति के पास ले जाएंगे, जिनका निर्णय मान्य होगा। अदालत ने हालांकि कहा कि अनुच्छेद 239 के अंतर्गत प्रावधान का यह मतलब नहीं है कि उपराज्यपाल सभी मामले को राष्ट्रपति के पास ले जाएं।
पात्रा ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि भूमि, पुलिस और कानून-व्यवस्था उपराज्यपाल के अधीन है। इस पर कोई बहस नहीं है और संसद दिल्ली के लिए कानून बना सकती है।"
पात्रा ने साथ ही कहा कि बिना अराजकता के सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा, "दिल्ली पानी की कमी, प्रदूषण जैसी बड़ी समस्याओं का सामना कर रही है, लेकिन दिल्ली सरकार आरोप मढ़ने के खेल में व्यस्त है। उपराज्यपाल ने केजरीवाल की सरकार को पानी की आपूर्ति करने और प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने से नहीं रोका है।"
गोयल ने कहा, "आप दिल्ली की समस्या पर काम नहीं कर रहे हैं और आप आरोप मढ़ने में व्यस्त हैं। अब आपने उसे खो दिया है। मैं अब विश्वास करता हूं कि आप सरकार को काम करना चाहिए और परिणाम दिखाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली ने अदालत, धरना, प्रदर्शन और आरोप मढ़ने के खेल से बहुत परेशानी झेली है।"
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, "भाजपा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से बहुत खुश है। केजरीवाल संविधान-विरोधी हैं और संविधान के नियम का पालन नहीं करना चाहते हैं। इसलिए यह केजरीवाल पर थप्पड़ है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दिल्ली में अराजकता जारी नहीं रह सकती।"
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