मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लगातार सोशल मीडिया पर मिल रही जवानों की शिकायतों के बाद गृह मंत्रालय ने अब इस पर एक्शन करना शुरू कर दिया है। गृहमंत्रालय ने सभी शिकायतों के निपटारे के आदेश दिए हैं। सभी पैरामिलिट्री फोर्सों को शिकायत के लिए बने सेल की जानकारी देने के निर्देश दिया गया है, शिकायतों को निष्पक्ष जांच के बाद तत्काल निपटाया जाएगा।
गौरतलब है कि सेना में लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह का वीडियो सामने आया है। टीवी चैनल्स पर दिखाए जा रहे एक वीडियो में लांस नायक यज्ञ प्रताप ने अपने बड़े अफसरों पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। यज्ञ ने अफसरों के व्यवहार पर कड़ी टिपण्णी करने हुए सवाल किया है कि जवानों से कपड़े धुलवाना और बूट पॉलिश करवाने को कैसे सही कहा जा सकता है?
यज्ञ प्रताप के मुताबिक सेना में कई जगहों पर एक सैनिक से कपड़े धुलवाना, बूट पॉलिश करवाना, कुत्ते घुमवाना जैसे काम करवाना गलत है। यज्ञ प्रताप ने कहा कि सेना में अधिकारी द्वारा जवानों के शोषण किया जाता है, जैसे घर का काम, अधिकारियों के जूते पॉलिस करना, मेम साहब के साथ किचन का काम करना, अधिकारियों के बच्चे को स्कूल छोड़कर आना जैसे कई काम जवानों को करने पड़ते हैं जो एक जवान को कभी अच्छे नहीं लगते हैं। लेकिन मजबूरी में करने पड़ते हैं। इसकी शिकायत को लेकर पीएम, राष्ट्रपति और मानव आयोग को भी खत लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
इसके साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि जवानों को यह भरोसा दिलाया जाए कि उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा। जवानों को कहा गया है कि वह अपनी शिकायत ई-लेटर के जरिए भेजें, इसी बाबत सीआरपीएफ ने ई-लेटर लिखना शुरू भी किया है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जवानों को सोशल मीडिया में एहितयात बरतने के लिए कहा जाएगा, ताकि देश की सुरक्षा और जवानों के मनोबल पर असर ना पढ़े। वहीं सभी पैरामिलिट्री फोर्सों के जवानों के लिए सोशल मीडिया पर डाले जाने वाली जानकारी की गाइडलाइन फिर से जारी की जा रही है।
पहले से मौजूद गाइडलाइन:-
1. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों को सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करने के लिए आधिकारिक रूप से अनुमति लेनी होगी।
2. सुरक्षा बलों में सभी रैंक के कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन की उपलब्धता बढ़ रही है, स्मार्टफोन के जरिए सैन्यबल में शामिल लोग भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं इसलिए सुरक्षा से जुड़ी जानकारी न शेयर करें।
3. खुफिया मिशन पर तैनात सैन्यबलों के कर्मचारी और अधिकारियों की ओर से सोशल मीडिया पर साझा की गई जानकारी देश की सुरक्षा के लिए भारी भी साबित हो सकती है।
4. गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए खास दिशा-निर्देश भी जारी भी कुछ दिन पहले जारी किये गए हैं।
5. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी कोई भी गुप्त जानकारी या तस्वीर साझा नहीं कर सकते।
6. सभी गाइडलाइन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए जारी किए गए हैं, इसमें सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ और एनएसजी आदि शामिल हैं।
7. तस्वीरें खींचकर ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, लिंक्डिइन और इंस्टाग्राम पर नहीं डाल सकते।
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