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फिल्म समीक्षा: देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना से भरी स्काई फोर्स देखनीय

पेज-थ्री            Jan 24, 2025


 

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।

हीरो : इंडियन एयर फोर्स।  हीरोइन : इंडियन एयर फोर्स गेस्ट आर्टिस्ट्स :  अक्षय कुमार, वीर पहाड़िया, निमृत कौर, शरद केलकर, सारा अली खान आदि।  गणतंत्र दिवस के पहले रिलीज इस  देशभक्ति, बलिदान और इंसानियत की कहानी को बेहद संवेदनशीलता के साथ पेश किया गया है, इसलिए देखनीय फिल्म है। 

'स्काई फोर्स' 1965 के भारत-पाक युद्ध पर आधारित एक रोमांचक कहानी है, जो स्क्वाड्रन लीडर टी. विजय (वीर पहाड़िया) के बलिदान और भारतीय वायुसेना के साहस को बड़े पर्दे पर जीवंत करती है। फिल्म की शुरुआत 1971 के युद्धबंदी पाकिस्तान वायुसेना अधिकारी अहमद (शरद केलकर) की पूछताछ से होती है, जहां विंग कमांडर कुमार ओम आहूजा (अक्षय कुमार) अहमद से 1965 के एयर स्ट्राइक के दौरान गायब हुए स्क्वाड्रन लीडर टी. विजय के बारे में अहम जानकारी जुटाते हैं।

कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां 1965 के युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने कम संसाधनों के बावजूद पाकिस्तानी सरगोधा एयरबेस पर हमला कर इतिहास रच दिया। यह मिशन सफल तो होता है, लेकिन टी. विजय लौटकर नहीं आते। विंग कमांडर आहूजा अपने साथी की वीरता को पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयास करते हैं। 

एक सलंग कई फ्लॉप देनेवाले अक्षय कुमार ने विंग कमांडर आहूजा के रूप में संयमित और दमदार प्रदर्शन किया है। यह उनकी दमदार वापसी फिल्म है।  कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे के नाती  वीर पहाड़िया ने इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया है।  वीर ने फिल्म में  टी. विजय के किरदार में गहराई और जोश भरा है।  शरद केलकर ने भी पाकिस्तानी विंग कमांडर के रूप में बेहतरीन काम किया है। सारा अली खान और निमृत कौर का किरदार सपोर्टिव रोल में  है, लेकिन सीमित स्क्रीन टाइम में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है।

अभिषेक अनिल कपूर और संदीप केवलानी ने अपनी पहली ही फिल्म में कमाल का निर्देशन किया है। कहानी को सटीक, प्रभावशाली और बिना किसी फालतू खींचतान के पेश किया गया है। फ्लैशबैक और वर्तमान समय को जोड़ते हुए, फिल्म की गति और कहानी का प्रवाह दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है। फिल्म में देशभक्ति और युद्ध के दृश्यों को संतुलित किया गया है।

फिल्म का वीएफएक्स और एरियल एक्शन हॉलीवुड को टक्कर देता है। सरगोधा एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के हमले के दृश्य रोमांचक और यथार्थपूर्ण हैं। सिनेमैटोग्राफी एस.के. रविचंद्रन ने संभाली है, जो 1960 के दशक के दौर को पर्दे पर जीवंत कर देती है। परवेज शेख और क्रेग मैकरे द्वारा डिजाइन किए गए एक्शन दृश्य भी फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं।

फिल्म का म्यूजिक  सराहनीय है।   गाना 'माई 'कहानी के भावनात्मक पहलुओं को और गहराई देता है। संवाद, जैसे "देश के लिए जो जान जाती है, वो शहादत होती है, सुसाइड नहीं,"  भावुक कर देते हैं।

यह फिल्म युद्ध और देशभक्ति को महज भारत-पाक के संघर्ष तक सीमित नहीं रखती, बल्कि दोनों पक्षों की इंसानियत को भी दिखाती है। युद्ध के दृश्यों में तकनीकी सटीकता और भावनात्मक गहराई का अनूठा संगम है। निर्देशन, लेखन और अभिनय का तालमेल बेहतरीन है। फिल्म इंटरवल के पहले धीमी गति से चलती है। 

'स्काई फोर्स' एक प्रेरणादायक और रोमांचक फिल्म है, जो भारतीय वायुसेना के बलिदान और साहस को सम्मानित करती है। इसमें इमोशन, एक्शन और देशभक्ति का परफेक्ट बैलेंस है। 

यह फिल्म आपको गर्वित भी करेगी और भावुक भी। 

देखनीय फिल्म। 

 


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