मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर बिहार विधानमंडल में विपक्ष के नेता सुशील मोदी ने 90 लाख के मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया है। मोदी का आरोप है कि यह घोटाला लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के मार्फ़त किया गया है। इस आरोप पर लालू ने साफ तौर पर कहा है कि जो भी जांच हो करवा ली जाए, जांच से कोई आपत्ति नहीं है। लालू ने कहा कि चिड़ियाघर में जाकर जांच कर लीजिए। हमको पैसा मिला होगा तो रिकार्ड में होगा। हम तो उल्टे अपनी गायों का गोबर मुफ्त में चिड़ियाघर में दे रहे हैं।
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मंगलवार को अपने संवादाता सम्मलेन में लालू पर आरोप लगाते हुए इस संबंध में दस्तावेज भी पेश किए थे। दरअसल, पटना के सगुना मोड़ के पास एक शॉपिंग मॉल का निर्माण कराया जा रहा है। सुशील मोदी के मुताबिक- जमीन के मालिक जिस डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से हैं, उसके तीन डायरेक्टरों में लालू यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी के साथ बेटी चंदा यादव भी हैं। इस जमीन पर निर्माण का काम जिस कंपनी को दिया गया है उसके मालिक भी राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक अबू दोज़ना हैं। इस मॉल में अंडरग्राउंड दो लेवल की पार्किंग है और उससे निकली मिट्टी को पटना चिड़ियाघर में लगाया गया। पटना चिड़ियाघर में मिट्टी का काम करीब 90 लाख का हुआ, लेकिन इस बात के सबूत भी नहीं दे पाए कि जू में जो मिट्टी आई है वह निर्माणाधीन मॉल से निकली मिट्टी ही है। वैसे पटना चिड़ियाघर वन विभाग के तहत आता है और वन मंत्री तेजप्रताप यादव हैं।
वन विभाग का कहना है कि चिड़ियाघर में 95.75 लाख रुपये की लागत से एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है जिसमें मिट्टी काटने और उसके परिवहन और अनलोडिंग के लिए 44.92 लाख रुपये का प्रावधान है। पिछले कई महीने से काम चल रहा था और अब पूरा हो चुका है। लेकिन विभाग अभी तक इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दे सका है कि इस काम के लिए कोई निविदा क्यों नहीं निकाली गई थी। पटना चिड़ियाघर के निदेशक ने पुष्टि की है कि उन्होंने यह काम बिना किसी टेंडर के दिया, लेकिन उसके लिए उनका दावा है कि यह करने के लिए विभाग सक्षम है।
सुशील मोदी ने दावा किया कि चूंकि लालू यादव को मिट्टी को खपाना था इसलिए पटना चिड़ियाघर ने बिना टेंडर के ये काम वीरेंदर यादव को दिया, जो लालू यादव के करीबी रहे हैं। अब सुशील मोदी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है और साथ-साथ तेजप्रताप यादव को बर्खास्त करने की भी मांग की हैं।
लेकिन इस पूरे मामले ने सुशील मोदी की मानें तो कई सवाल खड़े किए हैं कि क्या कोई निदेशक 90 लाख का काम बिना टेंडर के कर सकता है। दूसरी तरफ लालू यादव के करीबियों को ही ठेके क्यों दिए गए। हालांकि सुशील मोदी के इन आरोपों पर जब वनमंत्री तेजप्रताप यादव से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
Comments