मल्हार मीडिया ब्यूरो।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य के उद्यमियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में दो युवकों को सवाल पूछना महंगा पड़ गया। दोनों युवकों को पटना के गांधी मैदान थाने में करीब सात घंटे तक हिरासत में रखा गया। दोनों का कहना है कि हिरासत के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया। दरअसल, इन दोनों युवकों का इनका कसूर सिर्फ इतना था कि कार्यक्रम के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने कुछ सवाल पूछे थे।
पुलिस ने बताया कि पटना में मंगलवार को बिहार उद्यमियों के लिए आयोजित चौथे बिहार उद्यमिता सम्मेलन में पहुंचे दो युवकों बेगूसराय के सुरेश कुमार और मधुबनी के निमी कुमार को पुलिस ने सात घंटे तक हिरासत में रखा।
युवकों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उन्हें कार्यक्रम स्थल से पुलिस गांधी मैदान थाने ले गई और एक कमरे में कैद कर लिया। इस दौरान उनके फोन भी जब्त कर लिए गए तथा उन्हें खाना और पानी भी नहीं दिया गया। युवकों का आरोप है कि इसकी सूचना परिजनों को भी नहीं देने दी गई। इसके बाद रात आठ बजे उन्हें छोड़ दिया गया।
राज्य के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, "हो सकता है कि पुलिस शक के आधार इन दोनों से पूछताछ की हो। पुलिस पुराने मामले को लेकर किसी से भी पूछताछ कर सकती है। " इधर, पुलिस ने इन दोनों युवकों को किसी प्रकार से प्रताड़ित करने से इनकार किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उद्यमी युवकों को सात घंटे तक हिरासत में रखने पर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुंह खोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों के लिए ही सम्मेलन की थी, उद्यमी उसमें सवाल नहीं पूछेंगे तो क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर उद्यमियों को राज्य में निवेश करने की बात कर रही है और दूसरे ओर राज्य के ही उद्यमियों को प्रताड़ित कर रही है।
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