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मप्र विधानसभा चुनाव में घोषणा और गारंटी होंगे भाषणों के कीवर्ड

राजनीति            Jul 05, 2023


कीर्ति राणा।

मध्यप्रदेश के मतदाताओं को भाजपा सरकार की घोषणाओं वाले सम्मोहन से मुक्त कराने के लिए कांग्रेस ने अपना जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है उसमें पांच गारंटी, बड़े नेताओं की सभा और युवा मतदाताओं को प्रभावित करना है। 

विधानसभा चुनाव में एक तरफ जहां प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे जैसे बड़े नेताओं की आदिवासी, जनजाति बहुल क्षेत्रों और महानगरों में आमसभा कराने का निर्णय लिया है वहीं जबलपुर में 12 जून को पहली मप्र यात्रा में प्रियंका गांधी द्वारा घोषित की गई पांच गारंटी को शिवराज सरकार की तमाम घोषणाओं के मुकाबले प्रभावी और गेम चेंजर मान रही है कांग्रेस।

लाड़ली बहना योजना में एक तरफ जहां शिवराज सरकार ने धीरे-धीरे तीन हजार रु तक देने की घोषणा की है तो कांग्रेस हर महीने 15 सौ रुपए के साथ ही पांच सौ रु में गैस सिलेंडर देने को इसका तोड़ मान रही है।

किसानों की कर्ज़ माफी ने पिछले चुनाव में भी कांग्रेस को सफलता दिलाई थी। इस बार दूसरी गारंटी किसानों की कर्ज माफी की है।

चौथी गारंटी कर्मचारी वर्ग को ओल्ड पेंशन स्कीम को प्रदेश की सभी श्रेणी के कर्मचारियों का विश्वास जीतने और बिजली बिल 100 यूनिट तक माफ, 200 पर हाफ वाली पांचवी गारंटी को सर्वाधिक वोट कैचर माना जा रहा है।

इन पांच गारंटी के साथ कर्नाटक की तरह मप्र में में भी 18 साल में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएगी। कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा था, यहां इसे बढ़ा कर 80 फीसदी कमीशन प्रचारित किया जाएगा।

मप्र के अधिकांश अंचलों में प्रियंका वाड्रा,  राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की सभा से हवा को अपने पक्ष में मजबूत बनाना चाहती है कांग्रेस।

प्रियंका की पहली सभा इसी महीने ग्वालियर (34 सीट) चंबल (30 सीटें) संभाग में तय की गई है ताकि 64 सीटों पर लाभ मिल सके।

आदिवासी बहुल 101 सीटों वाले पर फोकस, के साथ प्रदेश के कुल 65 हजार बूथों पर पहली बार मंडलम, सेक्टर वाली व्यवस्था से हर बूथ पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाकर सूची तैयार की जा चुकी है।

230 में से उन सीटों पर कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचोरी आदि बड़े नेताओं का फोकस है जो सतत तीन चुनाव या उससे अधिक बार कांग्रेस जीत नहीं पाई है।

 



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