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मध्यप्रदेश में अजब कांग्रेस के गजब पैमाने और फैसले

राजनीति, राज्य            Sep 05, 2018


  
राकेश दुबे।

मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव में टिकट लेना है और कांग्रेस का टिकट लेना है तो बड़ी मुश्किल है। कांग्रेस से टिकट प्राप्ति के लिए आपका फेसबुक पर 15 हजार लाइक्स के साथ होना जरूरी है, इससे कम में काम नहीं चलेगा। इसके अलावा ऐसे कई और मापदंड कांग्रेस ने बनाये हैं।

निर्णय भी अजीबोगरीब हो रहे हैं, निर्णय लेते समय प्रदेश के पदाधिकारी यह भी ध्यान रखने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं कि कांग्रेस की अन्य राज्यों में नीति क्या हैं ? अभी तो कांग्रेस का एक मात्र लक्ष्य कैसे भी प्रदेश की 230 सीटों के लिए उम्मीदवार जुटाना है वैसे अभी तक उसके सारे गुटों में एक राय नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा दिग्विजय शासन काल और दिए गये कुछ बयानों से अन्य गुट अपने को असहज महसूस कर रहे हैं।

गंज बासौदा में एक सभा में कमलनाथ का हर पंचायत में गौ शाला बनाने का वक्तव्य उसके नेताओं को रास नहीं आया। प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व महासचिव ने निजी बातचीत में कहा कमलनाथ शायद इसके बाद अब हायकमान से पूछ कर बोलेंगे। दिल्ली में उनके हर पंचायत में गौ शाला खोलने वाले बयान की अच्छी प्रतिक्रिया नहीं हुई है।

हालांकि कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ, लेकिन कांग्रेस केरल में गौ वंश की सरे आम हत्या करने वाले अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है। इस प्रकरण में मुकदमा झेल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिल्ली से विधिक मदद और केरल कांग्रेस द्वारा वित्तीय मदद देने के भी समाचार हैं।

यह एक संवेदनशील मुद्दा है कांग्रेस या अन्य किसी भी दल को ऐसे मुद्दों से बचना चाहिए जिसकी दल के भीतर और बाहर अच्छी प्रतिक्रिया न हो।

कांग्रेस ने वैसे अपनी चुनावी रणनीति भाजपा से आगे रखने का फैसला किया है। इस माह के अंतिम सप्ताह ने पूर्व कांग्रेस लगातार पांच चार और तीन बार हारने वाली सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा करने वाली है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी सिर्फ नामों की सिफारिश करेगी।

अंतिम फैसला दिल्ली के दरबार में होगा। ऐसी सीटों की संख्या 105 है।

मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं। इन 105 सीटों के साथ अन्य सीटों पर टिकट के लिए जो फार्मूला कांग्रेस ने सार्वजनिक किया है वो भी कम आसान नहीं है।

कांग्रेस ने टिकट चाहने वालों के लिए पूर्व मंत्री चन्द्र प्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से जारी एक पत्र में कहा है कि प्रत्येक दावेदार का फेसबुक पेज और ट्विटर पेज होना अनिवार्य है उसे व्हाट्स एप पर भी सक्रिय होना अनिवार्य है।

इसके आगे की शर्तों पर तो अभी प्रदेश कांग्रेस के कई पदाधिकारी अनुपयुक्त है जैसे फेसबुक पर 15 हजार लाइक्स, ट्विटर पर 5 हजार फालोवर और बूथ के सभी लोगों का व्हाट्स एप ग्रुप। इस टेढ़ी खीर के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता आई टी विशेषज्ञों के पास दौड़ रहे है और वो सब होना शुरू हो गया है जिसे फर्जीवाडा कहते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी प्रदेश का दौरा करने वाले हैं। उसके पहले ऐसे कई फैसले और होंगे, पर किसी को इस बात की फुर्सत नहीं है कांग्रेस की राष्ट्रीय नीति किस विषय पर क्या हैं? समझें, ऐसे में चुनाव आ जायेंगे और नतीजे ?

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और प्रतिदिन पत्रिका के संपादक हैं।

 


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