
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।
लोक गायिका मैथिली ठाकुर बिहार के मधुबनी जिले की बेनीपट्टी क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं. बीजेपी से.
वे बहुत प्यारा गाती हैं और शास्त्रीय, लोक संगीत और भक्ति गीतों पर उनका गायन केंद्रित है. पारंपरिक लोक संस्कृति, तीज त्योहार, धार्मिक महत्व और सरकारी योजनाओं की उपलब्धियों पर उनका गायन केंद्रित होता है. हिंदी और भोजपुरी में दोनों ही गाती है.
अगर मैथिली ठाकुर चुनाव मैदान में उतरती हैं तो चुनाव थोड़ा संगीतमय जरूर हो जाएगा!
एक और लोक गायिका हैं. यूपी की. नाम तो आपने सुना ही होगा - नेहा सिंह राठौर. गाने लिखती भी है और गाती भी हैं. अभी तक कांग्रेस की 'ऑफिशियल गायिका' नहीं बनी हैं लेकिन बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ एक से बढ़कर एक गाने बनाती है, गाती हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें वायरल भी करती है.
अगर मैथिली ठाकुर राजनीति में खुलकर आती हैं तो नेहा सिंह राठौर को भी आना चाहिए.
मेरा समर्थन नेहा सिंह राठौर को भी रहेगा. अगर वे राजनीति में आई तो राजनीति की कई महिला नेत्रियों की गद्दी संकट में पड़ सकती है. नेहा सिंह तीखी, व्यंग्यात्मक और और सीधी बात करती हैं. उनकी बातों से लगता है कि उनमें राजनीतिक समझ कंगना रनौत, स्मृति मल्होत्रा ईरानी और हेमा मालिनी जैसी सांसदों से तो ज्यादा ही है.
हमारे मध्य प्रदेश की एक पर्वतारोही हैं मेघा परमार. एवरेस्ट विजेता हैं. ऊर्जावान हैं और कमलनाथ के मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते उन्हें भी विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन अचानक पता नहीं क्या हुआ कि मेघा को टिकट नहीं दिया गया. चुनाव में कांग्रेस का भी सूपड़ा साफ हो गया. लेकिन मेरा विश्वास है कि अगर मेघा परमार को टिकट मिलता तो वे अच्छे वोट प्राप्त करती.
युवा प्रतिभाओं को राजनीति में आना चाहिए, तभी राजनीति की गंदगी कम हो सकती है.
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