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नौ दिन चले अढ़ाई कोस:सरकार को घेरने लाये स्थगन प्रस्ताव में खुद ही घिर गया विपक्ष

राजनीति            Jul 19, 2017


ममता यादव।

दो दिन से मध्यप्रदेश विधानसभा में मंदसौर गोलीकांड पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में पक्ष—विपक्ष की नूराकुश्ती चल रही थी। लेकिन आज नेता प्रतिपक्ष के सवालिया आरोपों पर मुख्यमंत्री के जवाब भारी पड़े और वे यह कहते नजर आये कि मुझे ध्यान नहीं रहा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस यानी मध्यप्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल की क्या तैयारी है 2018 की।

नौ दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत मध्यप्रदेश कांग्रेस पर एकदम फिट बैठती दिखाई देती है वर्तमान में। विधासभा में मंदसौर गोलीकांड पर स्थगन प्रस्ताव लाने की जिस तरह पुरजोर वकालत कांग्रेस ने की और फिर मुख्यमंत्री के सामने नेता प्रतिपक्ष भाषण में आये तथ्यों को मुख्यमंत्री ने अपुष्ट बताया तो नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह जवाब ही नहीं दे पाये। उसके बाद जो नजारा बना उससे यही सवाल उठता है कि कांग्रेस खुद की दुश्मन है या कोई और कांग्रेस का दुश्मन?

विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में सरकार पर सवालों की बौछार तो करते रहे लेकिन सत्तापक्ष की तरफ से आये जवाबों के बाद कई बार यही कहते नजर आये कि मैंने तो गलती से कह दिया या अखबार में पढ़ा था। मुख्यमंत्री के उपवास पर उन्होंने कहा कि मृतक किसानों के परिवारों को जो व्यक्ति भोपाल लाया था वह कमल राणा अफीम तस्कर है रोज थाने में जाकर हाजिरी देता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कमल राणा का आप नाम ले रहे हैं वह तो दो साल से जेल में बंद है इस पर अजय सिंह बोले कि वह उसका छोटा भाई था मैं गलती से बोल गया। ऐसे अनेक सवाल था जिन पर विपक्ष सरकार को घेरने चला था लेकिन खुद ही घिर गया।

अपने जवाब में श्री चौहान ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि आपके नेता ने भी उपवास रखा लेकिन खा—पीकर। लेकिन मैं किसानों की मौत से द्रवित था इसलिये उपवास पर बैठा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश किसान आंदोलन के उग्र होने में स्पष्ट रूप से प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आंदोलन में आग लगाने का काम कांग्रेस ने किया। उन्होंने यह आरोप विधानसभा में मंदसौर जिले के पिपल्या मंडी में गोलीकांड और किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस के डॉ गोविंद सिंह एवं अन्य के स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए लगाया।

श्री चौहान ने कहा कि 4 जून के पहले आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था, उसे साजिशन हिंसक बनाया गया। कांग्रेस ने यह कोशिश की। उसमें अराजक तत्व घुस गए, जिससे बनी अराजक स्थिति में मंदसौर में यह अप्रिय घटना हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अलग तरह का आंदोलन था। इसमें उन्हें कोई ज्ञापन या मांगपत्र नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 4जून को किसान संघ और किसान सेना के लोग उन्हें ज्ञापन देने आए थे। उनकी मांगें मान ली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की मांगें मानने के बाद ही आंदोलन उग्र हुआ।

उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि इसमें उनकी पार्टी के दूसरे-तीसरे दर्जे के नेता थे। किसानों को निर्दोष करार देते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के किसान हिंसक नहीं हो सकते। अप्रिय घटनाओं में किसान कतई शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। स्थगन प्रस्ताव पर कल शुरू हुई चर्चा आज भी लगभग पांच घंटे चली। ज्ञातव्य है कल भी इस पर लगभग छह घंटे चर्चा हुई थी।

मुख्यमंत्री का उत्तर आने के कुछ देर बाद कांग्रेस सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में न्यायिक जांच की समयावधि निर्धारित नहीं होने और किसानों के अन्य मुद्दों का समाधान नहीं होने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

 



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