मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी दल महाराष्ट्रवाड़ी गोमंटक पार्टी ने घोषणा की है कि अगर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर गोवा में सरकार का नेतृत्व करेंगे तो वे लोग भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। गोवा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। यहां कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर देखने को मिली। कांग्रेस को 17 सीटें और भारतीय जनता पार्टी को 13 सीटें मिली हैं। जीएफपी को तीन और एमजीपी गठबंधन को भी तीन सीटें मिली हैं और एनसीपी को एक सीट पर जीत मिली है। इनके अलावा तीन सीटों पर अन्यों ने कब्जा किया है। राज्य में पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
गोवा में बहुमत साबित करने के लिए 21 सीटों की जरूरत है। अगर एमजीपी भाजपा को समर्थन दे देती है तो इसकी सीटों की संख्या 16 हो जाएगी, लेकिन भाजपा को बहुमत साबित करन के लिए पांच और सीटों की जरूरत पड़ेगी। वहीं गोवा फॉरवर्ड फार्टी का कहना है कि वे भाजपा और कांग्रेस के प्रस्ताव मिलने के बाद अगले कदम के बारे में सोचेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले गोवा भाजपा विधायकों ने राज्य विधायक दल के नेता के तौर पर मनोहर पर्रिकर को निर्वाचित करने के लिए अमित शाह की रजामंदी प्राप्त करने को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। यह जानकारी विधायक माइकल लोबो ने दी थी। साथ ही माइकल लोबो ने पार्टी मुख्यालय के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘लोग गोवा में पर्रिकर की वापसी चाहते हैं। अब यह गोवा फारवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी पर निर्भर करता है। अगर वे हमारा समर्थन करते हैं तो हम राज्य में सरकार बनाएंगे।’ माइकल कालंगुट निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के विधायक चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएफपी और एमजीपी के समर्थन करने पर भाजपा गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा के समक्ष राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। भाजपा को निर्दलीय विधायक गोविंद गावडे का समर्थन हासिल है। लोबो ने कहा कि दो अन्य निर्दलीय भी पार्टी का समर्थन कर सकते हैं।
सांखलीम निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गये भाजपा के प्रमोद सावंत ने कहा कि सरकार पर्रिकर के नेतृत्व में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। सावंत ने कहा, ‘उनके नेतृत्व में किये विकास को लोगों ने देखा है । हम नहीं चाहते कि अगले पांच वर्षों तक राज्य परेशानी उठाये।’ भाजपा के विधायक निलेश्र काब्राल ने कहा कि गोवा के लोगों ने खंडित जनादेश दिया है। कांग्रेस के अलावा सभी पार्टियां पर्रिकर के नेतृत्व में एक साथ आकर काम कर सकती हैं। निलेश काब्राल करकोरम से विधायक चुने गये हैं। काब्राल ने कहा ‘सरकार गठन करने के लिये किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। इस स्थिति में कांग्रेस के अलावा सभी पार्टियां पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य के कल्याण के लिये एकजुट हो सकती हैं।’
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