मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का 11वां दिन ओलों से तबाह फसल, 10 वीं-12वीं के पेपर लीक होने के कारण होने वाले हंगामे के नाम रहा।
पेपर लीक मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि 20 लाख स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। बच्चों की फीस वापस की जाए।
उन्होंने आगे कहा कि ओलों से किसान बर्बाद हो गए, अब तक सर्वे शुरू नहीं हुआ। राजस्व अधिकारियों की हड़ताल रोकने के लिए सरकार ने कोई पहल नहीं की। कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर वॉकआउट करती है।
कांग्रेस के वॉकआउट पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ये तरीका ठीक नहीं है, बिना जवाब सुने वॉकआउट करते हैं। इनके दोनों नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक भी खेत में नहीं गए। ये घडियाली आंसू बहाते हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ओलों से बरबाद हुई फसल लेकर विधानसभा पहुंचे और गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया।
भोजन अवकाश के बाद अनुदान मांगों पर चर्चा हुई और कार्यवाही मंगलवार 21 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मंत्री से स्पीकर बोले- सरकार की क्यों बदनामी कराते हो
रीवा संभाग के तीन विधायकों ने मेडिकल कॉलेज के डीन पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक शारदेंदु तिवारी ने रीवा मेडिकल कॉलेज के डीन पर कर्मचारियों के बिलों को रोकने का मामला ध्यानाकर्षण के जरिए उठाया। पंचूलाल प्रजापति ने रीवा मेडिकल कॉलेज के डीन पर प्राइवेट अस्पताल संचालित करने का मामला उठाया।
कुंवर सिंह टेकाम ने भी पंचू लाल की बात का समर्थन करते हुए कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज मिलने के बजाए प्राइवेट अस्पताल में मरीजों को भेजकर लूटा जा रहा है।
कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा, सरकार मुंह चलाने की जगह काम पर ध्यान दे। सदन में सारे काम रोककर सिर्फ दो दिन किसानों पर चर्चा होना चाहिए।
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह बोले- सभी किसानों को राहत राशि दी जाएगी। कांग्रेस ने तो अपने समय एक पैसा किसानों को नहीं दिया। कांतिलाल भूरिया ने कहा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि मैं एक-एक पैसा किसानों का चुकाऊंगा। अब इसका समय आ गया है
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