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मप्र - धरने के तीसरे दिन यशवंत सिन्हा को मिला आप का साथ

राज्य            Feb 03, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एनटीपीसी संयंत्र के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को न्याय दिलाने के लिए धरना दे रहे 81 वर्षीय पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा को तीसरे दिन शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) का साथ मिला। भूमि अधिग्रहण के समय किए गए वादे पूरे न किए जाने पर आंदोलन करने वाले किसानों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए जाने के विरोध में सिन्हा गुरुवार से ही धरना पर बैठे हैं। वह सर्द रातें भी खुले आसमान के नीचे बिता रहे हैं। किसानों का मुद्दा उठाने के कारण उन्हें आप का समर्थन मिल गया है।

यशवंत सिन्हा एक फरवरी की दोपहर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। उन्होंने मांगें पूरी न होने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया है। सिन्हा के धरने से जिला प्रशासन और सरकार भी चिंतित है।

आप के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने शनिवार को नरसिंहपुर पहुंचकर सिन्हा के धरने का समर्थन किया और ऐलान किया कि जब तक सिन्हा धरने पर रहेंगे, वह उनके साथ ही बैठेंगे।

प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने आरोप लगाया, "प्रदेश में हर जगह किसानों की जमीन छीनी जा रही है और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह सरकार महज चुनाव की भाषा समझती है। चुनाव के समय किसान अन्नदाता हो जाता है, लेकिन उसके बाद उसे भुला दिया जाता है।"

उन्होंने कहा कि आज से इस धरने में वह भी शामिल हो रहे हैं और जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक वह पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और किसान नेता शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी के साथ धरने पर बैठे रहेंगे।

अग्रवाल ने कहा कि रविवार यानी चार फरवरी को आम आदमी पार्टी किसानों की मांग के समर्थन में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी।

सिन्हा प्रशासनिक अधिकारियों से किसी तरह की बात करने को तैयार नहीं हैं, वह जिलाधिकारी अभय वर्मा और पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला से साफ कह चुके हैं कि किसानों पर एससी, एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले वापस लिए जाएं। सिन्हा के इस रुख से प्रशासन के साथ राज्य सरकार भी पशोपेश में है। बुजुर्ग नेता की सेहत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वह रात भी खुले में गुजार रहे हैं।

नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में स्थापित होने वाले एनटीपीसी संयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने से लगभग 500 किसान प्रभावित हुए हैं। उनकी जायज मांगों और पूर्व में किए गए वादों को पूरा नहीं किए जाने पर किसानों ने आंदोलन किया। कथित तौर पर उसी दौरान एनटीपीसी के एक अधिकारी की शिकायत पर किसानों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।

किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने कहा, "संबंधित अधिकारी लगातार यही कह रहा है कि उसने कोई रिपोर्ट ही नहीं लिखाई। सवाल उठता है तो रिपोर्ट किसने और क्यों लिखी गई? यह पूरी तरह किसानों के दमन की कोशिश है, मगर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा।"



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