मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भू-जल स्तर निरंतर गिर रहा है। इसे रोकने के लिये प्रदेश में जन-सहयोग से जल-संरक्षण और संवर्धन का महाभियान चलाया जायेगा। पुराने तालाबों और नदियों का गहरीकरण किया जायेगा। साथ ही इस वर्ष 500 करोड़ रूपये से नये तालाबों का निर्माण किया जायेगा। इस वर्ष 15 जुलाई से वृक्षारोपण का अभियान भी शुरू होगा। श्री चौहान ने इस महती कार्य में शामिल होने के लिये संपूर्ण समाज का आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सीहोर जिले के ईंटखेड़ी छाप में आयोजित जल-संसद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कोलांस नदी के गहरीकरण के लिये श्रमदान का शुभारंभ भी किया। उन्होंने स्वयं श्रमदान कर लोगों को श्रमदान के लिये प्रेरित भी किया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनुष्य द्वारा औद्योगिकीकरण और भौतिकता की चाह में प्राकृतिक संसाधनों का अँधाधुँध दोहन किया गया है। इससे अनेक प्राकृतिक आपदाएँ उत्पन्न हुई हैं। वृक्षों की अँधाधुँध कटाई से वर्षा कम और अनियमित होने लगी है। आज पर्यावरण बिगड़ रहा है, नदियाँ सूख रही हैं और सतही जल लगातार घट रहा है। धरती पर सूखे का संकट पैदा हो रहा है। धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जो वर्ष 2050 तक दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जायेगा। इससे ग्लेशियर पिघलेंगे, समुद्र का जल-स्तर बढ़ेगा और बाढ़ जैसी समस्याएँ पैदा होंगी।
श्री चौहान ने कहा कि इन समस्याओं का पूरी दुनिया और देश सामना कर रहा है। ये समस्याएँ क्यों पैदा हुईं, यह सभी के लिये चिंता और सोचने का विषय है। अगर हम अभी नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियों के लिये भारी संकट पैदा होगा। यह धरती मनुष्यों के साथ पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के लिये भी है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का शोषण नहीं दोहन करना चाहिए। वृक्ष वर्षा जल को अवशोषित करते हैं जिससे भू-जल स्तर बढ़ता है।
Comments