मल्हार मीडिया भोपाल।
आज दुनिया महात्मा गांधी के विचारों को एक विकल्प के रूप में देख रही है। अमेरिका की सीनेट में जिस तरह अमेरिका का सर्वोच्च सम्मान गांधी को दिये जाने की अनुशंसा की है, उससे साबित होता है कि आज गांधी को भारत की परिधी से बाहर भी स्वीकार किया जाने लगा है।
गांधी को समझना है तो हमें उनके विचार सिर्फ पढ़ना नही बल्कि जीवन में उतारना होगा।
यह कहना है समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर का। वे आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सप्रे संग्रहालय में महात्मा गांधी सम्मान से सम्मानित होने के उपरांत गांधी पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
संग्रहालय द्वारा महात्मा गांधी के 150 वे वर्ष में आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधी भवन न्यास के सचिव दयाराम नामदेव कर रहे थे। हिन्दी सेवी एवं मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के मंत्री संचालक कैलाशचंद्र पंत एवं पत्रकार चंद्रकांत नायडू विशेष रूप से उपस्थित थे।
गांधी की प्रासंगिकता पर विचार रखते हुए रघु ठाकुर ने कहा कि समाज में बाल हठ, त्रिया हठ, राज हठ के बाद गांधी ने चौथा हठ सत्य हठ की स्थापना की, वे सत्य के हामी थे। महात्मा गांधी सत्य के बाद मानवता के हामी थे। उनकी मानवता दया एवं परोपकार पर आधारित थी। गांधी कल भी प्रासंगिक थे, आज भी है और कल भी रहेगें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में दयाराम नामदेव ने कुछ उदाहरणों के माध्यम से कहा कि आज विदेशों में गांधी के प्रति लोगों की निष्ठा बढ़ी है। किन्तु इस बात पर दुखः जताया कि भारत में लोग गांधी को भूलते से जा रहे हैं।
नयी पीढी के बच्चे गांधी के विचारों को उन अर्थों में नही समझ पा रहे है जिन अर्थों में जुड़ना चाहिये। उन्होंने प्रबुद्ध वर्ग से आग्रह किया कि वे गांधी के विचार नयी पीढ़ी तक पहुँचायें। कैलाशचंद्र पंत ने कहा कि गांधी के विचारों को जीवन में उतारकर ही हम गांधी को समझ सकते है। उन्होनें सप्रे संग्रहालय द्वारा गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने को जो क्रम षुरू किया है उसकी सराहना की।
सप्रे संग्रहालय के संस्थापक संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने उत्सव मूर्ति रघु ठाकुर का परिचय देते हुये कहा कि वे राजनीति के कबीर है। रघु ठाकुर किसान, मजूदर और आम आदमी के पैरोकार है। इसके पहले रघु ठाकुर को शाल, माला, चरखा और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अतिथियों का स्वागत संग्रहालय के उपाध्यक्ष राकेश दीक्षित ने किया। आज वरेण्य पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की जंयती का संयोग होने से उनका भी स्मरण किया गया। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत नायडू ने किया।
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