मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह की बहू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या के मामले में विधानसभा में आज फिर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही। एक ओर जहां इस मामले में सदन में हंगामे की स्थिति बनी रही और सदन की कार्यवाही तीन बार बाधित हुई। इस बीच विपक्ष ने एक बार फिर शिवराज सरकार पर मंत्री को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
हंगामा इस कदर बढ़ा कि न तो प्रश्नकाल चला, न शून्यकाल और कई विभागों की अनुदान मांगें बिना चर्चा के ही मिनटों में और कई विपक्ष की अनुपस्थिति में ही पारित कर दी गईं। इतना ही नहीं सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने नारेबाजी की।
मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला, जब मंत्री रामपाल सिंह पर कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सदन में स्थगन प्रस्ताव की मांग की। इसके बाद कांग्रेस विधायक गर्भगृह में पहुंच गए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि अभी प्रश्नकाल होना चाहिए।
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह विपक्ष सहित अध्यक्ष से स्थगन की मांग करते रहे। इस दौरान नारेबाजी चलती रही। जब अध्यक्ष ने ध्यान नहीं दिया तो अजय सिंह ने कहा कि जब आपको विपक्ष की सुननी ही नहीं है तो हमारे यहां रूकने का कोई फायदा नहीं। यह कहते हुये विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से मंगलवार को विधानसभा में इस मामले को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया गया था जिसे विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने इस मामले पर विधानसभा में चर्चा कराने की मांग की थी, लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया तो विपक्ष के विधायकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
कांग्रेस विधायकों ने इसे लेकर सदन में हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के बीच तीखी नज़कझोक हुई। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये हंगामा कांग्रेस की अंतर्कलह का नतीजा है। उन्होंने कहा कि हेमंत कटारे का मामला तो नहीं उठाया, जनता का पैसा कांग्रेस की वजह से बर्बाद हो रहा है, अगर कांग्रेस साथ देगी तो सदन चल पाएगा, सदन में आज कई जरूरी चर्चाएं नहीं हो सकीं, सबूत हैं तो पेश करें। इस दौरान मिश्रा ने ये भी कहा कि कांग्रेस अपनी गुटबाज के लिए सदन का उपयोग कर रही है।
वहीं गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अभी जांच चल रही है, जांच पूरी होने तक किसी पर आरोप नहीं लगा सकते। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ।
मंत्री रामपाल सिंह के बेटे के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच 20 मिनट में सात घंटे चलने वाली विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा निपट गई। इसमें 12 विभागों पर चर्चा होनी थी।
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा की अनुमति से वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दो विधेयक विधानसभा में पेश कर दिए। मंत्री मलैया ने मध्यप्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर विधेयक 2018 तथा मप्र हाईस्पीड डीजल उपकर विधेयक 2018 पेश कर दिया।
सहकारिता, ऊर्जा, भोपाल गैस त्रासदी, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खनिज साधन, प्रवासी भारतीय, जेल, पशुपालन, मछुआ कल्याण, पर्यावरण, स्वास्थ्य, खेल व युवक कल्याण और धार्मिक न्यास व धर्मस्व विभाग की अनुदान मांगों पर सात घंटे चर्चा होती, लेकिन हंगामे के कारण सदन कल तक के लिए स्थगित हो गया।
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