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लड़कियों ने रचा इतिहास, 52 सालों में भारत ने जीता पहला वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप

स्पोर्टस            Nov 03, 2025


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारत-साउथ अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया। दो बार फेल होने के बाद आखिरकार कप्तान हरमनप्रीत की कप्तानी में भारत ने टूर्नामेंट के 52 साल के इतिहास अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीता। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने टूर्नामेंट के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाया।

299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ ने शानदार शुरुआत की। पहले विकेट के लिए बिट्स और लौरा ने 51 रन की साझेदारी की, लेकिन अमनजोत के सटीक थ्रो ने बिट्स की पारी समाप्त कर दी। इसके बाद समय-समय पर विकेट गिरते रहे।

हालांकि, कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने एक छोर संभालते हुए अर्धशतक जड़ा। हरमनप्रीत कौर ने गेंदबाजी में प्रयोग करते हुए शेफाली को गेंद थमाई। उन्होंने कप्तान को निराश नहीं किया और पहले ही ओवर में सुने लुस (25) को आउट किया। इसके बाद अपने दूसरे ही ओवर में मारिजान काप (4) को विकेट के पीछे कैच आउट करवाया।

एक तरफ विकेट गिरते रहे लेकिन दूसरे छोर पर खड़ी कप्तान ने कप्तानी पारी खेलते हुए 96 गेंद पर शतक पूरा किया, लेकिन दीप्ति शर्मा ने अमनजोत के हाथों कैच आउट कर उनकी 101 रन की पारी समाप्त की और भारत की जीत पक्की कर दी। दीप्ति ने मैच में पांच विकेट चटकाए।

इससे पहले शेफाली वर्मा ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली और भारतीय टीम के पहली ट्राफी जीतने की उम्मीदों को पंख लगाए। शेफाली वर्मा के ताबड़तोड़ 87 रनों की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध रविवार को फाइनल में सात विकेट पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया।

शेफाली के अलावा ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (54) ने भी अहम पारी खेली। सेमीफाइनल से ठीक पहले प्रतिक रावल के चोटिल होने पर शेफाली को भारतीय टीम में शामिल किया गया था। सेमीफाइनल में भले ही उनका बल्ला शांत रहा, लेकिन फाइनल में उन्होंने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की जमकर खबर ली।

बारिश के कारण दो घंटे की देरी से शुरू हुए इस मुकाबले में शेफाली ने शुरुआती ओवरों से ही साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। उन्होंने स्मृति मंधाना (45 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी कर मजबूत नींव रखी।

दोनों ने लगभग सात रन प्रति ओवर की रफ्तार से रन बटोरे। शेफाली ने तीन साल बाद अपना पहला वनडे अर्धशतक जमाया, जो उनके करियर का पांचवां अर्धशतक है। उनकी 78 गेंदों की शानदार पारी में सात चौके और दो छक्के शामिल थे। जब वे आउट हुईं, तब भारत की स्थिति बेहद मजबूत थी।

हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज आयाबोंगा खाका (3/58) और नोंकुलुलेको मलाबा (1/47) ने वापसी कर मिडल ओवर्स में भारतीय बल्लेबाजों को रोकने का काम किया। खाका ने पहले शेफाली और फिर जेमिमा रोड्रिग्स (24 रन) को आउट कर भारत को दो झटके दिए।

इसके बाद मलाबा ने कप्तान हरमनप्रीत कौर (20 रन) को उस वक्त पवेलियन भेजा जब वे दीप्ति शर्मा के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाने की कोशिश कर रही थीं। हालांकि, दीप्ति ने अपनी अनुभवी बल्लेबाजी से टीम को संभाला। उन्होंने 58 गेंदों में 58 रन बनाकर पारी को स्थिर किया और यह उनका इस टूर्नामेंट का तीसरा अर्धशतक था।

दीप्ति ने रिचा घोष घोष (34) के साथ मिलकर भारत को 250 के पार पहुंचाया। ऋचा ने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली कैमियो में दो चौके और एक छक्का लगाया, हालांकि खाका ने उन्हें पारी के अंतिम ओवरों में चलता किया। साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों में खाका सबसे सफल रहीं, जबकि मलाबा और कैप ने रन गति पर नियंत्रण रखने की कोशिश की।

 

 


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