ओम प्रकाश।
फीफा वर्ल्ड कप का बुखार पूरी दुनिया पर सवार है, भारत में पारा सौ के पार है।
हिंदी मीडिया में फीफा वर्ल्ड कप का शेड्यूल, ग्रुप स्टेज में टीमों की स्थिति, कब-कहां कैसे देखें मैच के अलावा रिकॉर्ड की खबरों की भरमार है।
यह तब जब भारत की टीम विश्व कप में शामिल नहीं है।
देश में फुटबॉल का क्रेज बंगाल समेत नॉर्थ ईस्ट से लेकर दक्षिण तक है।
हिंदी भाषी राज्यों में फुटबॉल का लोकप्रिय होना बाकी है।
फुटबॉल को हिंदी की अपेक्षा अंग्रेजी मीडिया में ज्यादा कवर किया जाता है।
आम दिनों में हिंदी मीडिया लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बर्थडे, कुल संपत्ति, ट्विटर इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स की तादाद, उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड, संबंधित क्लब में खेलने या छोड़ने और महंगी गाड़ियों के कलेक्शन की खबरों से आगे नहीं जा पाता है।
इसके अलावा कोपा अमेरिका और यूरो कप के दौरान मेसी और रोनाल्डो की टीमों पर ही ज्यादा नजर रहती है. कुल मिलाकर ये दोनों फुटबॉलर हिंदी मीडिया के माई-बाप हैं।
भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे बहुतेरे खेलों में भाग लेता है जिनमें दुनिया के कई देश शरीक नहीं होते।
क्या ऐसे में उन देशों का मीडिया भारत के शेड्यूल, संबंधित खेल में उसका रिकॉर्ड, कब-कहां कैसे देखें भारत के मैच का लाइव प्रसारण जैसी स्टोरी छापता है?
अगर किसी के पास इस तरह की कोई रिसर्च हो तो मुझे अवगत कराइएगा।
हम फीफा वर्ल्ड कप को लेकर फिजूल में पागल हुए जा रहे हैं।
खबर दर खबर ठेल रहे हैं, होगा विश्व का सबसे ज्यादा लोकप्रिय टूर्नामेंट, क्या फर्क पड़ता?
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