Breaking News

एसपी की नई पहल:ऑन स्पॉट दर्ज होंगे महिला हिंसा के केस

वामा            Feb 12, 2015


बैतूल से अनिल वर्मा आदिवासी अंचल बैतूल में कभी परम्पराओं की वजह से तो कभी अशिक्षा की वजह से महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है। कहीं कहीं यह हिंसा गरीबी की वजह से भी जोर मारती नजर आती है। इस बात से जिला सुरक्षा तंत्र के मुखिया राकेश जैन भी इत्तेफाक रखते है। बैतूल जिले में पदस्थापना के बाद से ही महिलाओं पर हो रहे अत्याचार एवं अपराधों में कमी लाने के लिए प्रयास उनकी प्राथमिकता रहे है। जिसके काफी कुछ सकारात्मक प्रयास देखने भी मिल रहे है। दो साल बाद जिले की महिला ग्राम रक्षा समितियों को नींद से जगाकर एक मंच पर एकत्रित कर महिलाओं पर हो रहे अपराधों के प्रति उन्हें सचेत करना भी एक सकारात्मक प्रयास ही है। एसपी राकेश जैन अब जिले में महिला हिंसा को रोकने के लिए नया प्रयोग करने जा रहे है। जिसमें जिन क्षेत्रों में महिला हिंसा के अधिक अपराध दर्ज है या अधिक शिकायते मिल रही है उन क्षेत्रों में दरवाजे तक पहुंचकर पुलिस मामले की तह तक जाएगी। जहां तक संभव हो मामला सुलझाने की कोशिश होगी अन्यथा ऑन द स्पाट मामला दर्ज किया जाएगा। तैयारी में जुटा महिला सेल< जिला मुख्यालय से इस प्रयोग को अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए एसपी द्वारा महिला सेल को यह जिम्मेदारी सौंपी है। महिला सेल प्रभारी श्री वाडिवा एवं इंस्पेक्टर प्रीति तिवारी द्वारा महिला अपराधों की अधिक शिकायतों वाले ग्रामों एवं क्षेत्र में दस्तक देने के लिए एक टीम तैयार की जा रही है। इस टीम में समाजसेवी, पुलिस, महिला बाल विकास के लोग शामिल होगें। इस संबंध में डीएसपी वाडिवा ने बताया कि महिला अपराधों को रोकने के लिए एस पी श्री जैन द्वारा यह प्रयोग किया जा रहा है जिसमें पीडि़त महिला को न्याय दिलाने के लिए उसके दरवाजे तक दस्तक देने की कोशिश की जाएगी। जहां तक संभव हो पीडि़त महिला के परिवार से मिलकर पूरी हकीकत जानने के बाद संभव हुआ तो समझौता कराने की कोशिश की जाएगी अन्यथा प्रतिकूल परिस्थिति होने पर अपराध कायम किया जाकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर प्रीति तिवारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक जिले में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार एवं अपराध को लेकर काफी गंभीर है। जिले के आदिवासी अंचलों में हो रहे अपराधों को रोकने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। कोशिश यही होगी कि महिला को पूरा न्याय मिले। यह दरअसल घरेलू महिला ङ्क्षहसा को रोकने के लिए किया जा रहा प्रयोग है। जिसमें महिला को उषा किरण योजना के तहत मदद दी जाएगी। यहीं नहीं आवश्यकता पडऩे पर पीडि़ता को निशुल्क विधि सहायता भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। यदि घर की देहलीज पर केस नहीं सुलझा तो न्यायालय तक न्याय दिलाने में पुलिस पीडि़ता के लिए सहयोगी भूमिका निभाएगी। होंगे तीन फायदे एसपी राकेश जैन की माने तो इस प्रयोग में जिन गांवों में महिला अपराध के केस ज्यादा है उन पर पूरा फोकस किया जाएगा। वहीं इस प्रयोग से तीन फायदे होगे जिसमें काउंसिलंग, पुराने केस का फालोअप तथा महिलाओं को जागरुक किया जाएगा जो महिला हिंसा रोकने में काफी असरदार साबित होगा। उषा किरण योजना के बारे में महिलाएं ज्यादा जानती नहीं है इस तरह की काउंसलिंग से महिलाओं को जानकारी मिलेगी। योजना का प्रचार प्रसार भी होगा और महिलाएं पुलिस को मित्र मानकर अपनी शिकायते बिना डरें करेगी। गांव में पुलिस की दस्तक से अन्य लोग भी सबक लेंगे कि अब पुलिस के पास जाने पर ही कार्रवाई नहीं होगी। शिकायत मिलने पर पुलिस घर आकर भी महिला सुरक्षा के लिए कार्रवाई कर सकती है। baitool-sp राकेश जैन, एसपी बैतूल उषा किरण योजना के तहत यह प्रयास किया जा रहा है कि जिन गांवों में महिला अपराधों के केस ज्यादा है वहां काउंसलिंग कर महिलाओं को जागरुक किया जाए। मुख्यालय पर काउंसलिंग न करते हुए उन एरिया में काउंसलिंग की जाए जहां महिला प्रताडऩा के केस ज्यादा है। वहां जाकर शिकायतकर्ताओं को बुलवाकर काउंसलिंग की जाएगी, आम आदमी से बात करेंगे, महिलाओं को जागरुक करेंगे ताकि महिला प्रताडऩा के जो मामले हो रहे है वह न हो। डोर टू डोर अभियान चलना मुश्किल है लेकिन गांव-गांव जरुर अभियान चलेगा।


इस खबर को शेयर करें


Comments