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जूही सिंह बनी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की प्रथम अध्यक्ष

वामा            Feb 17, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह को बाल अधिकार संरक्षण आयोग (बाल आयोग) का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने 29 नवंबर 2013 को बालक अधिकार संरक्षण आयोग (बाल आयोग) के गठन का शासनादेश जारी किया था। इसके एक साल बाद नाहिद लारी खां, प्रेमा मिश्र, राजकुमार चौधरी, कुलदीप ंिसह, रविंद्र ंिसह चौहान और मनीषा त्रिवेदी को आयोग का सदस्य नामित किया। अब सरकार ने समाजवादी पार्टी की नेता और लखनऊ पूर्व से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं जूही सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के यह हैं कार्य बाल्यावस्था को प्रभावित करने वाले कारण जैसे आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा, दंगे, प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा, एचआइवी एड्स, बाल व्यापार, प्रताड़ना, शोषण, पोनोग्राफी, वेश्यावृत्ति के मामलों का परीक्षण कर निदान की सिफारिश करना।बाल अधिकारों के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देना बाल अधिकारों के हनन की जांच करना तथा मामलों में कार्रवाई की सिफारिश केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार या अन्य प्राधिकारी द्वारा संचालित अथवा किसी स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल संप्रेक्षण गृहों, बल सुधार गृहों जहां बच्चों को इलाज और सुधार के लिए रखा गया हो, वहां का निरीक्षण करना।बाल अधिकार के संरक्षण संबंधी उपायों पर समय-समय पर केंद्र सरकार को प्रगति रिपोर्ट भेजना। अवसादग्रस्त बच्चे, उपेक्षित एवं शोषित बच्चों, बाल अपराधी, परिवार विहीन बच्चे एवं कैदियों के लिए उचित चिकित्सा संबंधी एवं अन्य उपायों की अनुशंसा करना। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-31 के अन्तर्गत बच्चों के शिक्षा संबंधी प्रदत्त अधिकारों का अनुश्रवण यह आंकड़े भी जुटाने होंगे जिलावार लड़के-लड़कियों की संख्या लड़कों और लड़कियों का अनुपात उनकी पढ़ाई का स्तर बाल श्रमिकों की संख्या और शोषण के तरीके घरों मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना की स्थिति बच्चों की मर्जी के बिना वीडियो क्लिप बनाने या देखने की जांच।


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