मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जून महीने की शुरुआत से अलग-अलग जिलों में महिला सम्मेलन कर रहे हैं जो अब भी जारी हैं।
इन सम्मेलनों के जरिए वे सरकार की लाडली बहना के बारे में बता रहे हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा इस योजना के सहारे सत्ता वापसी की उम्मीद में है।
इसलिए इस योजना के प्रचार प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।
साल 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना लागू कर शिवराज सिंह ने खुद को बच्चियों के मामा के तौर पर प्रोजेक्ट किया था। अब लाडली बहना योजना के जरिए वह खुद को भाई के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
एक सम्मेलन में शिवराज ने कहा कि मैं हर लाडली बहना को लखपति बनाना चाहता हूं। राज्य में कुल 53 जिले हैं जिनमें से 41 जिलों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। बीजेपी के लिए सत्ता वापसी के लिए यह नंबर काफी अहम है।
इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपये मिलने हैं और मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह रकम बढ़ाई भी जा सकती है।
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह रकम डेढ़ हजार रुपये की जा सकती है जिससे लोगों को यकीन हो कि सत्ता में वापसी के बाद यह रकम और बढ़ेगी।
अगले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी अगर लाडली बहना के जरिए सत्ता वापसी की उम्मीद कर रही है तो इसके पीछे महिला वोटर्स का समीकरण है।
2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 51 सीटों पर महिला वोटर्स ने ज्यादा वोटिंग की थी। इनमें 35 से ज्यादा सीटों पर भाजपा जीती थी।
अब 2018 के मुकाबले कुल महिला वोटर्स की संख्या बढ़ी है। 2018 में एक हजार पुरुष वोटर्स में 898 महिला वोटर्स थीं।
अब 1000 पुरुष वोटर्स में 931 महिला वोटर्स हैं। लाडली बहना योजना के जरिए बीजेपी 1.25 करोड़ महिला वोटर्स तक पहुंच रही है। राज्य में कुल 2.60 महिला वोटर्स हैं।
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