मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर साल विजयादशमी के मौके पर नागपुर स्थित अपने मुख्यालय में कार्यक्रम करता है। लेकिन इस बार यह खास और ऐतिहासिक रहने वाला है।
इसकी वजह यह है कि संघ ने अपने इतिहास के 92 सालों में पहली बार किसी महिला को कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है।
5 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। अपने 100 साल पूरे करने जा रहा आरएसएस इन दिनों महिला अधिकारों को लेकर सक्रिय है।
नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया ने कहा कि संघ ने पर्वतारोही और पद्मश्री विजेता संतोष यादव को आमंत्रित किया है।
इस आयोजन में मुख्य वक्त के तौर पर सरसंघचालक मोहन भागवत मौजूद रहेंगे।
दशहरे के मौके पर सरसंघचालक की ओर से दिए गए भाषण को संघ में बहुत अहम माना जाता है। इस मौके पर संघ परिवार के मुखिया देश और समाज के अहम मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं।
इसे संघ के एजेंडे के तौर पर भी देखा जाता है, जिन पर वह आने वाले सालों में काम करता है।
संतोष यादव ऐसी पहली महिला पर्वतारोही हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट फतह किया है। पहली बार वह मई 1992 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची थीं।
इसके बाद मई 1993 में दूसरी बार उन्होंने एवरेस्ट फतह किया था। संतोष यादव को 1994 में नेशनल एडवेंचर अवार्ड और 2000 में पद्मश्री मिला था।
संतोष यादव को आमंत्रण देने को संघ के रवैये में बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है।
मौजूदा सरसंघचालक मोहन भागवत अकसर महिला अधिकारों की वकालत करते रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने कहा था कि महिलाएं भले ही पुरुषों के मुकाबले जैविक रूप से अलग हैं, लेकिन कार्यक्षमता और कुशलता में वे उनके समान ही हैं।
यही नहीं उन्होंने एक भाषण में कहा था कि महिलाओं को हम एक तरफ जगतजननी कहते हैं और दूसरी तरफ घरों में उनसे गुलामों जैसा बर्ताव किया जाता है।
एक आयोजन में मोहन भागवत ने कहा था कि महिलाओं के सशक्तीकरण की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए और उन्हें समाज में सही स्थान मिलना चाहिए।
बता दें कि बीते कुछ सालों में संघ ने अपने कार्यक्रमों में नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी आमंत्रित किया था।
हालांकि प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाकर कार्यक्रम में शामिल होने की तीखी आलोचना हुई थी। कांग्रेस और उससे बाहर के लोगों ने भी उनकी निंदा करते हुए कहा था कि यह सेक्युलरिज्म के मूल्यों के खिलाफ है।
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