मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आधी आबादी के साथ न्याय के बिना न देश आगे बढ़ सकता है न समाज। बहन बेटियों की झिझक टूटे, उनका आत्मविश्वास और सम्मान बड़े इसी उद्देश्य से पुलिस बल में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ लाड़ली लक्ष्मी, कन्या विवाह जैसी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए।
जब तक हम बहन-बेटी को समाज में बराबरी पर लाकर नहीं खड़ा कर देते, तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे। इसमें महिला सुरक्षा सबसे अहम है। अपराधियों में भय पैदा करने महिला हेल्प डेस्क को वाहन उपलब्ध कराकर गतिशील बनाने और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करने के लिए आरंभ किया गया "अभिमन्यु अभियान", महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
मध्यप्रदेश में पुलिस भर्ती के लिए 30 प्रतिशत पद बेटियों के लिए आरक्षित होंगे। यह भोपाल के लाल परेड मैदान में 250 दो पहिया वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह वाहन प्रदेश के महिला थानों में हेल्प डेस्क के लिए प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को न्याय के बिना न देश आगे बढ़ सकता है, न प्रदेश आगे बढ़ सकता है। इसलिए मैंने तय किया कि पुलिस विभाग में 30% बेटियों की भर्ती अनिवार्य होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि आज पुलिस विभाग में कार्य करने वालीं बेटियां पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपना उत्तरदायित्व निभाकर स्वयं को सिद्ध कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को आधुनिक संसाधनों से निरंतर सशक्त किया जा रहा है।
दोपहिया वाहनों की महिला पुलिस को सौगात महिला अपराधों पर नियंत्रण में कारगर सिद्ध होगी। पीड़िताओं को शीघ्र न्याय दिलाने के लिये पुलिस को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी जिद थी कि मध्यप्रदेश की धरती पर पैदा होने वाली हर बेटी लखपति हो। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। आज प्रदेश में 45 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी बेटियां हैं।
सीएम शिवराज ने कहा कि मेरी इच्छा थी कि बहनें भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनें, इसलिए चुनावों में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया। अब लाडली बहना योजना के माध्यम से बहनों के खातों में एक हजार रुपए डाल रहा हूं। यह राशि जल्दी ही 3 हजार रुपए की जाएगी।
संकल्प को धरातल पर उतारना कहलाता है सिद्धि - गृह मंत्री डॉ. मिश्रा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संकल्प को धरातल पर उतारना सिद्धि कहलाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिलाओं के सशक्तिकरण का जो संकल्प लिया है उसे लगातार वे धरातल पर उतारते जा रहे हैं। जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे तब से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कार्य कर रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर लाड़ली बहना तक महिलाओं के आत्मबल को बढ़ाने के लिये जो कार्यक्रम किये जा सकते हैं, वे सभी उन्होंने किये है। प्रदेश में महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण के साथ पंचायती राज संस्थाओं में सहभागिता भी सुनिश्चित की है। बेटियों के मान सम्मान के साथ प्रदेश के वातावरण को उनके लिये सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। जब बेटियों के हाथ में डंडा होता है, तो बाकी मौजूद बेटियाँ स्वयं को सुरक्षित समझती हैं, उनका आत्मबल भी बढ़ता है। महिला पुलिस की उपस्थिति में शक्ति मिलती है। मध्यप्रदेश में ही महिला अपराधों को नियंत्रित करने के लिये दुष्कर्मियों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में "ऊर्जा महिला हैल्प डेस्क" की बेटियों को प्रदाय की गई स्कूटियाँ निश्चित ही महिला अपराध रोकथाम में सहायक होंगी।
पुलिस बैंड की धुनों पर किया 250 दोपहिया वाहनों को फ्लैग ऑफ
मुख्यमंत्री ने पुलिस बैंड पर बज रही "मध्यप्रदेश पुलिस हैं हम", "यह भारत देश है मेरा" और "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा" गानों की धुन पर 250 दोपहिया वाहनों की रैली को फ्लैग ऑफ किया। कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना ने निर्भया फंड के माध्यम से महिला थानों में स्थापित हेल्प डेस्क की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान और गृह मंत्री डॉ. मिश्रा को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा शाखा) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने सभी का आभार माना।
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