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डियर अंजना ओम कश्यप हिम्मत है तो सवाल करो इनसे

खरी-खरी            Jun 20, 2019


दीपक गोस्वामी।
डाक्टर से तो आक्रोशित लहजे में इतने सवाल कर‌ लिए. अगर हिम्मत है और वास्तव में सच्ची पत्रकार हो तो जाओ प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, राज्य सरकार में शामिल भाजपा नेताओं से भी समान लहजे में मुजफ्फरपुर कांड पर सवाल करके आओ. तब खुद को पत्रकार कहना.

पूछना उनसे कि मुजफ्फरपुर में ऐसा क्यों हुआ? पूछना उनसे कि मंत्री क्यों ऊंघ रहा था? पूछना उनसे कि 5 साल पहले भी ऐसी ही समान स्थिति बनने पर जो वादे स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर हर्षवर्धन सिंह ने किए थे, वो अब तक क्यों पूरे नहीं हुए?

पूछना उन्हें कि बचपन जब सांसें तोड़ रहा था, तब उनके चहेते गृहमंत्री अमित शाह क्रिकेट का जश्न क्यों मना रहे थे?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछने का नहीं कहूंगा, क्योंकि नीतीश आपके पालनहार थोड़ी न हैं, उनसे तो आप पूछ ही लेंगी.

जाइए पूछिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सवाल क्योंकि अस्पताल के एक बिस्तर पर दो बच्चे हैं तो इसका जिम्मेदार डाक्टर नहीं, सरकार है.

अस्पताल में स्टाफ की कमी की जिम्मेदार सरकार है. हिम्मत है तो पूछो अपने आक्रोशित लहजे में सवाल उनसे. वरना बंद करो अपनी नौटंकी.

थोड़ा संवेदनशील बनकर सोचो, तुम भी मां हो. अगर तुम्हारे बच्चे उस हालात में होते तो भी क्या अपने चैनल की टीआरपी के लिए ऐसा ड्रामा करतीं?

 



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