मल्हार मीडिया डेस्क।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू आज 12 अगस्त को एक झटके में कई अरब रुपये घट गई। हालांकि यह नुकसान इतना बड़ा नहीं था, जितना अनुमान लगाया जा रहा था। याद कीजिए करीब 18 महीने पहले, जब हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने पहली बार अदाणी ग्रुप पर तमाम अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट से अदाणी ग्रुप के शेयरों में हड़कंप मच गया था। बस कुछ दिनों में ही अदाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू करीब 100 अरब डॉलर कम हो गई थी। यह कॉरपोरेट इतिहास में अबतक किसी कंपनी के मार्केट वैल्यू में आई अबतक की सबसे तेज गिरावट थी। हालांकि इस बार, कम से कम पहले दिन ऐसा देखने को नहीं मिला है।
Hindenburg ने शनिवार को एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें SEBI यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए। Hindenburg का दावा है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास उन विदेशी फंड्स में निवेश था, जिनका इस्तेमाल अदाणी ग्रुप ने किया था। इसी वजह से SEBI, अदाणी ग्रुप की धोखाधड़ी के आरोपों की गहराई से जांच नहीं कर पाया।
इस रिपोर्ट के बाद जैसी आशंका जताई जा रही थी, वैसी ही शुरुआती कारोबार में अदाणी ग्रुप के शेयरों में जोरदार गिरावट आई। इससे एक समय पूरे ग्रुप की मार्केट वैल्यू एक झटके में करीब 19 अरब डॉलर तक घट गई। लेकिन बाद में इन शेयरों ने अपने नुकसान की भरपाई की और कुछ तो हरे निशान में बंद हुए।
कुल मिलाकर दिन भर में अदाणी ग्रुप के मार्केट वैल्यू में करीब 2.4 अरब डॉलर यानी करीब 20,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई। अदाणी एंटरप्राइजेज 1.4 फीसदी गिरकर बंद हुआ। अदाणी पावर, अदाणी टोटल गैस और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के स्टॉक 4 फीसदी तक टूटकर बंद हुए। दूसरी ओर अंबुजा सीमेंट्स और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर हरे निशान में बंद हुए।
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इस बीच माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि उनकी रिपोर्ट में किए गए दावे बेबुनियाद हैं। न्होंने साफ किया कि इस मामले में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है और उन्होंने समय समय पर सभी जरूरी लासे किए हैं। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भी एक बयान में हिंडनबर्ग के आरोपों को आरिज किया है।
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